New delhi : बेंगलुरु में मेडिसिन के क्षेत्र की एक होनहार और प्रतिभाशाली डॉक्टर की मौत ने पूरे मेडिकल समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। 29 वर्षीय डॉ. कृतिका एम. रेड्डी, जो त्वचा रोग विशेषज्ञ (Dermatologist) थीं, की 24 अप्रैल 2025 को अचानक मौत हो गई थी। शुरुआत में इसे स्वाभाविक मृत्यु (Natural Death) मान लिया गया था, लेकिन अब फॉरेंसिक रिपोर्ट (FSL Report) ने मामले का रुख पूरी तरह बदल दिया है।
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डॉ. कृतिका, जो राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से सम्मान पाने का सपना देखती थीं, अपने माता-पिता के साथ रहती थीं। 24 अप्रैल की सुबह वे कमरे में बेहोश पाई गईं। उन्हें तुरंत कावेरी अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें “डेड ऑन अराइवल” घोषित कर दिया।
शुरुआत में परिवार को लगा कि यह मौत गैस्ट्राइटिस (पेट में सूजन) की वजह से हुई है, क्योंकि कुछ दिन पहले उन्होंने यही शिकायत की थी। उनका इलाज उनके पति और सर्जन डॉ. महेंद्र रेड्डी जी.एस. (31) कर रहे थे। लेकिन कृतिका की बहन डॉ. निकिता एम. रेड्डी को इस मौत पर संदेह हुआ। उन्होंने पुलिस से जांच की मांग की, जिसके बाद मामला अस्वाभाविक मृत्यु (Unnatural Death) के रूप में दर्ज किया गया।
कई महीनों बाद जब फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) की रिपोर्ट आई, तो सच्चाई सामने आई — रिपोर्ट में पाया गया कि कृतिका के शरीर में प्रोपोफोल (Propofol) नामक एनेस्थेटिक दवा की अत्यधिक मात्रा थी। यह वही दवा है जो सामान्यत: केवल ऑपरेशन थिएटर में एनेस्थीसिया के लिए दी जाती है।
इस खुलासे के बाद पुलिस ने डॉ. महेंद्र रेड्डी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी को जानबूझकर प्रोपोफोल की ओवरडोज देकर मार डाला। परिजनों ने यह भी दावा किया है कि महेंद्र के एक्स्ट्रामैरिटल अफेयर (विवाहेतर संबंध) थे, जिसकी वजह से उनके बीच तनाव था।
अब पुलिस पूरे मामले की हत्या के एंगल से जांच कर रही है। यह मामला न सिर्फ मेडिकल जगत बल्कि आम लोगों के बीच भी चर्चा का विषय बन गया है — क्योंकि जिस डॉक्टर पर लोगों की ज़िंदगी बचाने की ज़िम्मेदारी थी, उसी पर अब अपनी पत्नी की जान लेने का आरोप है।

