Jamshedpur (जमशेदपुर) : पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका में भारी बारिश के बाद जलमग्न हुए लव-कुश आवासीय विद्यालय में फंसे कम से कम 162 विद्यार्थियों को रविवार को पुलिस ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया. पू्र्वी सिंंहभूम जिले में बीती रात से हो रही मूसलाधार बारिश से गुड़रा नदी के पानी का जलस्तर काफी अधिक बढ़ गया.
जिससे नदी किनारे स्थित लव-कुश आवासीय विद्यालय पांड्रोशोली में पानी घुस गया. यहां हॉस्टल में रहने वाले 162 बच्चे और स्टाफ पानी के बीच फंस गये. अंत में बच्चे अपनी जान बचाने के लिए छतों पर चढ़ गये, जहां करीब 5 घंटे तक बारिश में भीगते हुए बच्चों ने अपनी जान बचायी.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
भारी बारिश के कारण स्कूल परिसर में पानी भर जाने के कारण शनिवार रात से ही विद्यार्थी स्कूल में फंसे हुए थे.पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ऋषभ गर्ग ने बताया कि हमें सूचना मिली कि लव कुश आवासीय विद्यालय में भारी बारिश के कारण परिसर जलमग्न हो गया है, जिसमें 162 विद्यार्थी फंस गए हैं. शिक्षकों ने सभी छात्रों को छत पर भेज दिया था, जहां उन्होंने रात बितायी.
उन्होंने बताया, रविवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी और अग्निशमन दल मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की मदद से एक-एक करके छात्रों को स्कूल से बाहर निकाला. उन्होंने कहा कि बचाव अभियान के लिए नावों का इस्तेमाल किया गया तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की मदद मांगी गई थी. उन्होंने कहा कि हालांकि, पुलिस दल ने एनडीआरएफ टीम के पहुंचने से पहले ही छात्रों को स्कूल से निकाल लिया.
लव-कुश आवासीय विद्यालय पांड्राशोली के संचालक सुशांत महतो ने कहा कि बीते रात करीब 4 बजे के बाद विद्यालय के नीचले हिस्से में पानी भरने लगा, तो बच्चों को जगाकर बाहर निकालने का प्रयास किया गया. लेकिन, बाहर गेट से निकलकर देखा तो बाहर भी पानी भर गया था. इस स्थिति बच्चों की जान बचाने के लिए उन्हें छत पर चढ़ाया गया. इसके बाद मामले की जानकारी गांव के लोगों को दी गयी. गांव के लोगों और प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए बच्चों को बाहर निकाला. हॉस्टल में कुल 122 छात्र, 40 छात्राएं और 7 स्टॉफ मौजूद थे.
पोटका प्रखंड के वरीय प्रभारी एलआरडीसी गौतम कुमार ने कहा कि पोटका में लव कुश आवासीय विद्यालय के नाम से प्राइवेट विद्यालय का संचालन किया जा रहा है. इसका आवासीय भवन नदी किनारे बनाया गया है, जो सुरक्षा के दृष्टीकोण से ठीक नही है. नदी का जलस्तर बढ़ा तो विद्यालय जलमग्न हो गया, जिससे छात्रावास में रहने वाले 162 बच्चे फंस गये थे. गनीमत रही कि सभी बच्चे सुरक्षित है. फिलहाल विद्यालय को बंद करते का निर्देश दिया गया है. आगे जांच करके विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी.