कोरोना काल से बंद थी ट्रेनों की सेवा, जनआंदोलन के बाद रेलवे ने दी मंजूरी
कांड्रा: लंबे संघर्ष और आंदोलन के बाद आखिरकार कांड्रा रेलवे स्टेशन पर दो प्रमुख एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव फिर से शुरू कर दिया गया है। 1 सितंबर से हटिया-हावड़ा एक्सप्रेस (18615) और हावड़ा-हटिया क्रियायोगा एक्सप्रेस (18616) का ठहराव बहाल होने पर क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है।
आज सुबह जब आरा-दुर्ग एक्सप्रेस कांड्रा स्टेशन पर रुकी, तो कांग्रेसी नेता प्रकाश कुमार राजू के नेतृत्व में स्थानीय ग्रामीणों ने ट्रेन के लोको पायलट का फूल-माला से स्वागत किया। इस दौरान मिठाइयाँ बाँटी गईं और लोगों ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जाहिर की।

कई चरणों में चला था आंदोलन
कोरोना काल में बंद हुए ट्रेनों के ठहराव को बहाल करने की माँग को लेकर कांग्रेस नेता प्रकाश कुमार राजू के नेतृत्व में कई चरणों में आंदोलन चलाया गया। धरना, प्रदर्शन, मशाल जुलूस से लेकर आमरण अनशन तक किए गए। अंततः रेलवे प्रशासन को जनता की माँग के आगे झुकना पड़ा और ठहराव की स्वीकृति देनी पड़ी।
सांसद जोबा मांझी का जताया आभार
प्रकाश कुमार राजू ने क्षेत्र की लोकप्रिय सांसद श्रीमती जोबा मांझी को दूरभाष पर धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और रेल मंत्री से मिलकर ठहराव की स्वीकृति दिलाई। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि सांसद ने अन्य ट्रेनों — जैसे टाटा-छपरा लिंक एक्सप्रेस, धनबाद सुपरफास्ट, दानापुर एक्सप्रेस व जम्मू तवी एक्सप्रेस — के ठहराव के लिए भी प्रयास करने का आश्वासन दिया है।
स्वागत समारोह में ये रहे शामिल:
स्वागत करने वालों में प्रमुख रूप से कांग्रेस नेता प्रकाश कुमार राजू, डॉ. जोगेंद्र प्रसाद महतो, कांड्रा पंचायत के पूर्व उप मुखिया सुबोध सिंह, राम प्रसाद पाल, समाजसेवी रंजीत मोदक, विनोद सेन और सामाजिक कार्यकर्ता चंदन मिश्रा उपस्थित थे।स्थानीय नागरिकों ने कांड्रा स्टेशन को और अधिक ट्रेनों के ठहराव का केंद्र बनाने की माँग दोहराई है। उनका कहना है कि क्षेत्र में यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है और रेलवे को यात्री सुविधा का विशेष ध्यान रखना चाहिए।