Chaibasa :- सूरजमल जैन डीएवी पब्लिक स्कूल में महर्षि दयानंद की जयंती हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुई। कार्यक्रम की शुरुआत महर्षि दयानंद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई।इस अवसर पर प्राचार्या सुश्री रेखा कुमारी ने कहा कि आज कला समेकित शिक्षा की आवश्यकता है। आज शिक्षकों को पारंपरिक शिक्षा पद्धति के साथ-साथ नवीनतम तकनीक से भी लैस होना है।
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उन्होंने कहा कि आज शिक्षकों को बच्चों के साथ भावनात्मक संबंध बनाने की आवश्यकता है। शिक्षक देवानंद तिवारी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि स्वामी जी सच्चे अर्थों में युगश्रष्टा थे। कक्षा सातवीं की छात्राओं द्वारा ‘आर्य भजन’ व ‘ऋषि गाथा’ कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
कक्षा पांचवी के छात्र-छात्राओं द्वारा आर्य समाज के दस नियमों की व्याख्या प्रस्तुत की गई। स्वागत भाषण शिक्षिका वी एल बास्के ने प्रस्तुत किया। मंच संचालन शिक्षक एस बी सिंह ने किया। गौरतलब हो कि इस अवसर पर डीएवी सी ए ई के मार्गदर्शन में झारखंड जोन ‘ए ‘के अन्तर्गत शिक्षकों के लिए दो दिवसीय ‘क्षमता संवर्धन कार्यशाला’ का आयोजन संकुल प्रमुख सुश्री रेखा कुमारी के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। इस अवसर पर डीएवी गुआ, एन आई टी, चिड़िया, बुंडू, चाईबासा, झींकपानी और बहरागोड़ा के कुल 261 शिक्षकों ने भाग लिया।
इस अवसर पर डीएवी विद्यालयों के प्राचार्य उषा राय, अनूप कुमार, प्रशांत कुमार भुइयां, संजय कुमार झा, तन्मय चटर्जी, संजय कुमार पाठक उपस्थित थे।