रैयत डीबर देवगम के रेजोइंडर पर कार्रवाई का आदेश
चाईबासा : कोल्हान भूमि बचाओ समिति के उपाध्यक्ष डीबर देवगम की जमीन पर कथित कब्जे के मामले में राष्ट्रीय अनुसुचित जनजाति आयोग ने फिर गंभीरता दिखायी है. आयोग ने एक बार फिर पश्चिमी सिंहभूम के ऊपायुक्त व पुलिस अधीक्षक को डीबर देवगम द्वारा प्रेषित रेजोइंडर पर कार्रवाई का निर्देश दिया है.
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ज्ञात हो का इसके पहले भी डीबर देवगम की शिकायत पर आयोग ने कार्रवाई की थी. उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक को डीबर देवगम जमीन कब्जे मामले में की गयी कार्रवाई की जांच कर उसकी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था. आयोग ने फिर इस बार भी नोटिस भेजकर डीबर देवगम के रिजोइंडर पर आवश्यक कार्रवाई किये जाने का आदेश दिया है. नोटिस की एक कॉपी डीबर देवगम को भी दी गयी है. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले नोटिस की कॉपी दी गयी है.
अभ्यावेदक डीबर देवगम के रेजोइंडर पर की जाए कार्रवाई
उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक को जारी नोटिस में आयोग ने कहा है कि भूमि के जाली दस्तावेज बनवाकर गैर आदिवासी बनवारी लाल नेवटिया द्वारा भूमि पर अवैध कब्जे मामले में अभ्यावेदक डीबर देवगम के रेजोइंडर पर कार्रवाई की जाये. आयोग ने कहा है कि इस मामले में उपायुक्त तथा पुलिस अधीक्षक के उत्तर की छायाप्रति सूचनार्थ भेजी गयी थी. जिससे असंतुष्ट होकर डीबर ने 20 फरवरी 2024 को आयोग को रेजोइंडर भेजा था. अत: रेजोइंडर में उठाये गये बिंदुओं पर आवश्यक कार्रवाई की जाये. इसके बाद इसकी तथ्यात्मक रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर आयोग को भेज दिया ताकि अग्रिम कार्रवाई हेतु मामले को आयोग के समक्ष रखा जा सके.
समय पर रिपोर्ट नहीं देने पर कार्रवाई की चेतावनी
आयोग ने नोटिस में चेतावनी भी दी है कि यदि नियत अवधि में आयोग में उनकी रिपोर्ट प्राप्त नहीं होती है, तो वह संविधान के अनुच्छेद 338 क के अंतर्गत सिविल न्यायालय की शक्तियों का प्रयोग कर सकता है. वैयक्तिक रूप से या फिर प्रतिनिधि के माध्यम से आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिये उनको समन भी जारी किया जा सकता है. बता दें कि मतकमहातु निवासी डीबर देवगम ने आयोग से जमीन कब्जे मामले की शिकायत की थी. आरोप है कि टुंगरी स्थित उनकी 1.44 एकड़ पुस्तैनी जमीन पर बनवारी बाल नेवटिया का अवैध कब्जा है.
मेरी शिकायत पर विभाग निष्क्रिय : डीबर देवगम
डीबर देवगम का कहना है कि उनके इस जमीन कब्जे मामले में संबधित विभाग निष्क्रिय हैं. दो बार जमीन सीमांकन का नोटिस जारी होने के बाद भी नापी नहीं हुई. कब्जेदार के रसूख के कारण मेरी नहीं सुनी गयी. लेकिन अब आयोग एक्शन में है. समय पर न्याय मिले तो बेहतर है.
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