Chaibasa (चाईबासा) : पश्चिमी सिंहभूम जिले में भी मछलियों के साथ सीपों की खेती शुरू हो गयी है। रविवार को झींकपानी प्रखंड के नवागांव में किसान विश्वनाथ तामसोय के निजी तालाब में सर्जरी किये हुए सीपों को छोड़कर इसकी शुरूआत की गयी।
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प्रशांत कुमार दीपक मुख्य अनुदेशक मत्स्य निदेशालय रांची तथा पुरती एग्रोटेक पर्ल फार्मिंग के मैनेजिंग डायरेक्टर बुधन सिंह पुरती ने फीता काटकर इस तामसोय पर्ल फार्मिंग एंड फिश फार्म नामक इस फार्मिंग सेंटर का उदघाटन किया। इसके बाद किसान गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। इसमें किसानों को मछलियों के साथ सीपों की खेती की जानकारी दी गयी।
प्रशांत कुमार दीपक ने कहा कि मछली तथा सीपों की खेती करके किसान स्वरोजगार कर सकते हैं। इसके लिये मत्स्य विभाग की ओर से कई स्तर पर हर प्रकार की निशुल्क मदद दी जा रही है। इसके लिये रांची में नि:शुल्क आवासीय ट्रेनिंग की व्यवस्था है। रहने-खाने तथा आने-जाने का खर्च भी विभाग वहन करेगा। पुरती एग्रोटेक रांची के डायरेक्टर बुधन सिंह पुरती ने कहा कि आज सीपों की खेती से किसान स्वावलंबी बन रहे हैं। अब पश्चिमी सिंहभूम जिले में भी इसकी खेती शुरू हो गयी है। इसके लिये रांची स्थित पुरती एग्रोटेक में प्रशिक्षण की व्यवस्था है। सीपों की खेती आसान है। कोई भी साधारण तालाब में इसे किया जा सकता है। उन्होंने सीपों के मोती बनने की प्रक्रिया को भी समझाया। पशुपालन विभाग की ओर से पशु चिकित्सक बबलू सुंडी ने किसानों को पशुपालन विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी।
ये भी रहे मौजूद
इस मौके मछली पालक महावीर बुड़ीउली, विश्वनाथ तामसोय, ग्रामीण मुंडा मोरेन सिंह तामसोय, जोलेन तामसोय, विजय तामसोय, जगदीश सुंडी, दिलीप बलमुचू, सोमनाथ लागुरी, हवलदार तामसोय, बलदेव सांडिल, सुशील तामसोय, बादुला तामसोय समेत अन्य किसान मौजूद थे।
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