Saraikela:दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर पूरे झारखंड वासियो में शोक की लहर है। ऐसे में 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर कई कार्यक्रम आदिवासी समुदाय द्वारा स्थगित कर दिए गए, बावजूद इसके चपाई सोरेन द्वारा शोक होने के बावजूद धूमधाम से आदिवासी दिवस के मौके पर रंगारंग कार्यक्रम आयोजित कर दिवंगत दिशोम गुरु का अपमान किया है,यह बातें झामुमों नेता सह पूर्व सरायकेला विधानसभा के प्रत्याशी गणेश महाली ने कही।

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झामुमो नेता गणेश महाली ने गम्हरिया के रामचंद्रपुर मैदान में भाजपा नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री चपाई सोरेन द्वारा बड़े स्तर पर रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। गणेश महाली ने कहा कि एक तरफ चंपाई सोरेन न गुरु शिबू सोरेन के निधन पर पहुंचकर घड़ियाली आंसू बहाए, वहीं दूसरी ओर आदिवासियों के नाम पर बड़े कार्यक्रम आयोजित कर भाजपा के खोए हुए जमीन की तलाश की है। गणेश महाली ने चम्पई पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि दिवंगत शिबू सोरेन के साथ चंपाई सोरेन का लंबा और गहरा नाता रहा है, बावजूद इसके गुरु जी के श्राद्ध कर्म खत्म नहीं होने के बावजूद कार्यक्रम आयोजित कर आदिवासियों के साथ छलावा और राजनीति की गई है, जिससे दिशोम गुरु के मान सम्मान को ठेस पहुंचा है। गणेश महाली ने कहा कि चंपई सोरेन के राजनीति को आदिवासी मूलवासी अच्छी तरह से जान रहे हैं। आदिवासियों के नाम पर बाहरी और भाड़े के लोगों को बुलाकर भीड़ किया गया हैं।

आंदोलन का असर नही ,चंपाई विकास में बाधक
पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन द्वारा आदिवासी दिवस के मौके पर 24 अगस्त से रांची के नगड़ी में 700 लेकर जमीन अधिग्रहण को लेकर जन आंदोलन के घोषणा किए जाने के मुद्दे पर भी झामुमो नेता गणेश माली ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। इन्होंने कहा की चपाई का आंदोलन कोई फर्क नहीं लेगा, यह स्वार्थ की राजनीति करते हैं। भाजपा ,सरकार को मुद्दा विहीन राजनीति कर विकास से रोकना चाहती है। लेकिन ऐसा संभव नहीं है इन्होंने कहा की नगड़ी में रिम्स 2 का निर्माण होकर रहेगा। गणेश महाली ने कहा कि आंदोलन के लिए वे स्वतंत्र हैं लेकिन आंदोलन के नाम पर राजनीति झारखंडियों को बर्दाश्त नहीं होगा।