Chaibasa :- हर साल 02 जनवरी वास्तविक घटना के दिन सेरेंगसिया घाटी के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दिया जाए, इस विचार के साथ आदिवासी हो समाज युवा महासभा के टीम ने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दिया.
शहीद स्मारक स्थल सेरेंगसिया पहुँचकर नारा हो, फोटो, बड़ाय हो, देवी हो, बुगनी हो, पान्डुवा हो के नाम से श्रद्धांजलि अर्पित किया गया. जगन्नाथपुर, सेरेंगसिया और ओढ़िशा कलिंगानगर के शहीदों के सम्मान में जोरोंह-जिड्, जोरोंह जिड् का नारा लगाया गया. आदिवासी “हो” समाज महासभा भवन हरिगुटू चाईबासा से प्रातः 9 बजे उपस्थित होकर बाईक रैली से सीधे सेरेंगसिया सहीद स्थल पहुँचे. बाईक रैली में जगह-जगह में शहीदों के नाम से नारा लगाते रहे. इस कार्यक्रम के माध्यम से आदिवासी हो समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव गब्बर सिंह हेम्ब्रम ने अपील किया है कि खरसाँवां, जगन्नाथपुर, ओढ़िशा कलिंगानगर, गुवा एवं विभिन्न स्थलों में वास्तविक घटना के तिथि के दिन ही शहीदों को श्रद्धांजलि देते आने का परंपरा को पालन करते आ रहे. इसी तरह से विभिन्न महापुरुष, स्वतंत्रता सेनानी एवं आंदोलनकारियों को भी घटना तिथि के दिन ही श्रद्धांजलि देते या पुण्यतिथि मनाया जा रहा है. कभी-कभी इसके सम्मान में विशेष कार्यक्रम क्यों न आयोजित होता हो. परंतु इसके मूल उद्देश्यों को प्रामिकता दिया जाए. धीरे- धीरे इसका संदेश समाज में फैलाने तथा जागरूकता लाने में लोग सहयोग करें. इसलिए आदिवासी हो समाज युवा महासभा की ओर से हमलोग लगातार चार-पाँच सालों से आज दिन सम्मान देने आ रहे हैं.
इस अवसर पर एसएलपी ब्लैक कोर्ट के प्रतिनिधि सुरेन्द्र पुरती, आदिवासी “हो” समाज युवामहासभा राष्ट्रीय संगठन सचिव सुशील सवैयाँ, झारखण्ड प्रदेश कमिटि संयुक्त सचिव सिंकन्दर हेम्ब्रम, सांस्कृतिक सचिव जगन्नाथ हेस्सा, दिउरी सदस्य बब्लु बिरुवा, साहित्यकार सदस्य दांसर बोदरा, पूर्व अनुमंडल अध्यक्ष शेरसिंह बिरुवा, सीकेपी प्रखंड अध्यक्ष मोगो केराई, सरोज कुमार बोयपाई, शीतल जारिका, प्रमिला बिरुवा, ननिका सामड, मीनु गागराई, मंगल सिंह लागुरी, कमलेश बिरुवा, बुधराम बोयपाई, जमदार हेम्ब्रम, ओयवन हेम्ब्रम, सोना सेलेम हांसदा, पुष्पा हेम्ब्रम, कस्तुरी पिंगुवा, जया बोबोंगा, राम चातोम्बा, जगदीश हेम्ब्रम, करण होनहागा, पीहु सामड आदि लोग उपस्थित थे.