Saraikela (सरायकेला) : मेडिनोवा नर्सिंग होम ने एक बार फिर नवजात चिकित्सा क्षेत्र में अपनी उत्कृष्ट क्षमता का परिचय दिया है। 30 सितंबर को टीएमएच में एक महिला कविता महतो (रायडीह, सरायकेला) ने 700-700 ग्राम के दो सतमासे जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था, जो कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थे। टीएमएच ने दोनों नवजातों को 6 अक्टूबर 2025 को बेहतर उपचार के लिए मेडिनोवा नर्सिंग होम रेफर किया था।

अस्पताल के एनआईसीयू में गहन देखरेख के बाद एक बच्ची को एक माह के भीतर 1 किलो 100 ग्राम वजन होने पर स्वस्थ घोषित कर छुट्टी दे दी गई थी। वहीं दूसरे नवजात (700 ग्राम वजन वाला लड़का) को भी 54 दिनों के बाद सफल उपचार उपरांत डिस्चार्ज कर दिया गया। उसका वजन अब बढ़कर 960 ग्राम हो चुका है और डॉक्टरों ने उसे पूरी तरह स्वस्थ बताया है।दोनों बच्चों का इलाज प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत निःशुल्क किया गया।
तीन महीनों में 184 नवजातों को मिली नई जिंदगी
पिछले 3 महीनों में मेडिनोवा नर्सिंग होम में विभिन्न अस्पतालों से 200 नवजात रेफर होकर आए थे, जिनमें से 184 बच्चों को सफलतापूर्वक बचाया गया, जबकि 16 नवजातों को नहीं बचाया जा सका।
कोल्हान का सफलतम आयुष्मान केंद्र बना मेडिनोवा
मेडिनोवा नर्सिंग होम 2018 से संचालित एनआईसीयू के साथ कोल्हान का सबसे विश्वसनीय आयुष्मान भारत केंद्र बन गया है। नर्सिंग होम में डॉ राजेश कुमार और डॉ पूजा अग्रवाल और डॉ रश्मि वर्मा के द्वारा लगातार सफल इलाज किए जा रहे हैं.यहां टीएमएच, एमजीएम, मर्सी अस्पताल, सरायकेला व चाईबासा सदर अस्पताल, गम्हरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित पूरे कोल्हान से जटिल स्थिति वाले नवजात बेहतर उपचार हेतु लाए जा रहे हैं।एनआईसीयू उपचार खर्च आमतौर पर काफी महंगा होता है, लेकिन आयुष्मान योजना के तहत यहां गरीब परिवारों को अत्यधिक राहत मिल रही है।

