चाईबासा :- आगामी वर्ष गाँव-गाँव के मगे-पोरोब के नाम से मोडिफाई करके अश्लील शब्दों का इस्तेमाल पर रोकथाम लगाने को लेकर सदर प्रखंड के नरसंडा एवं कुन्टा गाँव में आदिवासी “हो” समाज युवा महासभा व नेशनल आदिवासी रिवाईवल एसोशिएसन की ओर से सामाजिक जागरूकता अभियान चलाया गया. साथ ही इस साल के “हो” भाषा आंदोलन में सामाजिक और आर्थिक सहयोग करने के लिए अपील किया गया.
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अभियान के दौरान आदिवासी “हो” समाज महासभा का एक-घर,एक-कैलेण्डर का कार्यक्रम के संबंध में जानकारी दिया गया. मगे-पोरोब के दौरान मोडिफाई करके गलत से गलत मगे करने की असामाजिक विचारों को रोकथाम लगाने पर जोर दिया गया.
लोगों से जगह-जगह पर अपील करते हुए आदिवासी “हो” समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव गब्बरसिंह हेम्ब्रम ने कहा कि आज के समय में मगे करने वाले तथा नाबालिग बच्चों को हमलोगों ने फ्री छोड़ दिया है. मन-मरजी अश्लील शब्दों को मोडिफाई करके मगे करने में सक्रिय हैं. ऐसे असामाजिक विचारों को समाज में फैलने नही देना है. वहीं पारंपरिक त्योहारों में डीजे-साऊण्ड न बजाने के लिए भी सामाजिक डायरेक्शन दिया और इसके बावजूद जबरन डीजे-साऊण्ड बजाने हे “हो” समाज को कलंकित होने के विषय में प्रकाश डाला. श्री हेम्ब्रम ने कहा कि इन सभी चीजों पर लोकथाम लगाने में सिर्फ आदिवासी हो समाज महासभा और आदिवासी हो समाज युवा महासभा पर निर्भर न रहें. अपने गाँव में स्वयं ग्रामीण दियूरी टीम तथा मानकी-मुण्डाओं के सहयोग से रोक लगाने की कोशिश करें.
इस अवसर पर ग्रामीण मुण्डा सिकंदर बारी, सिदेश्वर कालुन्डिया, आदिवासी हो समाज युवा महासभा प्रदेश कमिटि के दियुरी सदस्य बबलु बिरूवा, पूर्व अनुमंडल अध्यक्ष शेरसिंह बिरूवा, अनुमंडल संयुक्त सचिव तुराम सुंडी, सदर प्रखंड अध्यक्ष सेलाय सुंडी, सदस्य लेबा गागराई, बुधनसिंह बारी,प्रिंस कालुन्डिया, समीर कालुन्डिया, जयमती कालुन्डिया, जेमा सुंडी, सोनाली सवैंया,सुशील सुंडी, गरदी सुंडी, जोगना सुंडी, शुरु माई सुंडी,पुजा पुरती, नीतिमा सुंडी, जयंती सुंडी, बामिया पुरती आदि लोग मौजूद थे.