Chaibasa (चाईबासा) : झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की गठबंधन सरकार जब से सत्ता में आई है तब से पूरे राज्य में आदिवासियों के खिलाफ दमन और उत्पीड़न की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. हाल ही में भोगनाडीह में हूल दिवस मनाने जा रहे ग्रामीणों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और आंसू गैस छोड़ने की घटना ने पूरे झारखंड को झकझोर दिया. यह सांस्कृतिक आयोजन पर सरकारी हमला है और ब्रिटिश शासन की याद दिलाने वाला कदम है. भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा पश्चिमी सिंहभूम के जिला अध्यक्ष चंद्र मोहन तिउ ने कही.
उन्होंने कहा कि इससे पहले सिरम टोली गोलीकांड रिम्स 2 नगड़ी कांड नोवा मंडी के पादा पहाड़ में आदिवासियों और रेलवे के बीच संघर्ष चाईबासा में बाईपास के लिए रैयतों का उत्पीड़न कुजु डैम के लिए दोबारा जमीन अधिग्रहण की तैयारी जैसी घटनाएं साफ दर्शाती हैं कि यह सरकार आदिवासियों की हितैषी नहीं बल्कि उनके खिलाफ षड्यंत्रकारी है.
अबुआ सरकार का नारा देकर सत्ता में आई झामुमो अब बबुआ सरकार में बदल गई है जो आदिवासी युवाओं को न नौकरी दे पाई न पीने का पानी और न ही शिक्षा स्वास्थ्य या सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं दे सकी. पूरे राज्य में विकास योजनाओं में भ्रष्टाचार का बोलबाला है और आदिवासी बहुल क्षेत्रों को जानबूझकर उपेक्षित रखा गया है.
भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा पश्चिमी सिंहभूम के जिला अध्यक्ष चंद्र मोहन तिउ ने कहा कि यह सरकार अब जनता की नहीं दलालों की सरकार बन चुकी है जिसने झारखंड के स्वाभिमान और अस्मिता के साथ विश्वासघात किया है इसलिए यह जनविरोधी आदिवासी विरोधी सरकार अब एक मिनट भी सत्ता में रहने की हकदार नहीं है और इसे तुरंत त्यागपत्र देकर बाहर का रास्ता लेना चाहिए