हजारों लोगों ने दी अंतिम विदाई, स्वर्णरेखा बर्निंग घाट पर हुआ अंतिम संस्कार
जमशेदपुर। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता एवं सामाजिक न्याय के प्रबल पक्षधर राधे प्रसाद यादव अब हमारे बीच नहीं रहे। सोमवार को उनके निधन की खबर से कोल्हान समेत पूरे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई। वे 82 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार सोमवार दोपहर 3 बजे स्वर्णरेखा बर्निंग घाट में संपन्न हुआ, जहां उनके पुत्र सुनील कुमार यादव ने मुखाग्नि दी।
राधे यादव मूल रूप से बिहार के सिवान जिला अंतर्गत बंगरा गांव के निवासी थे, लेकिन पिछले कई दशकों से वे जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय राजनीति और सामाजिक सेवा से जुड़े थे। उन्होंने 1995 व 2000 में जनता दल के टिकट पर जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। वे जिला 20 सूत्री कार्यक्रम के उपाध्यक्ष रह चुके थे तथा जेल कमेटी समेत कई सरकारी समितियों के सदस्य भी रहे।

राजद को अपूरणीय क्षति
राजद प्रदेश महासचिव सह पूर्वी सिंहभूम प्रभारी पुरेंद्र नारायण सिंह ने राधे यादव के निधन पर गहरी संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि राधे यादव कोल्हान में राजद और सामाजिक न्याय की लड़ाई के स्तंभ थे। उनके जाने से कोल्हान में सामाजिक न्याय की लड़ाई में एक शून्यता उत्पन्न हो गई है।
उन्होंने कहा, “मैं 1990 से राधे यादव जी के हनुमान के रूप में काम करता रहा हूं। उनके सपनों, आदर्शों और सिद्धांतों को जनता के बीच पहुंचाकर उनकी राजनीतिक और सामाजिक यात्रा को आगे बढ़ाऊंगा। वे मेरे अभिभावक और राजनीतिक गुरु थे। उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। मैं अत्यंत दुखी और मर्माहत हूं।”
हजारों लोगों ने दी श्रद्धांजलि
राधे यादव के अंतिम संस्कार में राजनीतिक, सामाजिक और अधिवक्ता वर्ग से जुड़ी कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया। इनमें जमशेदपुर पश्चिम के विधायक श्री सरयू राय, आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह, समाजसेवी चंद्रगुप्त सिंह, अशोक मंडल, शिव शंकर सिंह, सत्य प्रकाश सुधांशु, कांग्रेस नेता आनंद बिहारी दुबे, विजय खान, राकेशेश्वर पांडे, विजय यादव, राजकिशोर यादव, अरुण यादव, रामजी शर्मा, उमाशंकर राम, एसएन यादव, योगेंद्र यादव, शारदा देवी, मंजू शाह, उदित यादव, कमलेश यादव, देव प्रकाश, एसडी प्रसाद, अधिवक्ता संजय कुमार, त्रिभुवन यादव, हरेंद्र यादव, शंभू यादव, विजय यादव, हीरा यादव, सुभाष यादव, बलदेव मेहरा, ललन यादव, विजय ठाकुर, प्रताप यादव, संजय कुमार सिंह, डीएन सिंह, रमेश राय सहित हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए।राधे यादव अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं, जिसमें एक पुत्र, दो पुत्रियां, नाती-पोते शामिल हैं।