Kharsawan:सरायकेला-खरसावां : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 1 जनवरी को खरसावां शहीद स्थल पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने गुवा गोलीकांड की तर्ज पर खरसावां गोलीकांड के शहीदों के परिजनों को चिन्हित कर सरकारी नौकरी देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री के साथ उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी मौजूद रहीं।
पारंपरिक रीति-रिवाज से दी श्रद्धांजलि
हेमंत सोरेन ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ शहीदों को नमन किया। उन्होंने कहा कि खरसावां गोलीकांड को 77 वर्ष बीत चुके हैं। इस ऐतिहासिक घटना के शहीदों के परिजनों को सम्मान और रोजगार देने की दिशा में सरकार प्रयासरत है। उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के समय यह घटना लोगों की जागरूकता और अधिकारों के लिए लड़ने की भावना का प्रतीक है।
आदिवासी समाज की जागरूकता का किया उल्लेख
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज हमेशा से जागरूक और प्रकृति के साथ जुड़ा रहा है। अगर विश्व झारखंड के आदिवासी समाज के जीवनशैली का अनुसरण करता, तो कोरोना जैसी महामारी का प्रभाव इतना बड़ा नहीं होता। झारखंडियों ने अपने सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति दी।
शहीद स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के निर्देश
श्रद्धांजलि कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने खरसावां शहीद स्थल का निरीक्षण किया और जिले के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला को निर्देश दिया कि स्थल का सौंदर्यीकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि यहां हरे-भरे पेड़-पौधे लगाए जाएं और इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए।
शहीद स्थल पर मौजूद नेता और मंत्री
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ मंत्री दीपक बिरवा, मंत्री रामदास सोरेन, सांसद जोबा मांझी, विधायक सविता महतो, दशरथ गागराई, सुखराम हेम्ब्रम, झामुमो नेता गणेश महाली, गणेश चौधरी, लक्ष्मण टुडू और मोहन कर्मकार सहित कई नेता मौजूद थे। मुख्यमंत्री की यह पहल शहीदों और उनके परिवारों को सम्मान देने के साथ-साथ झारखंड की ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।