Adityapur:कांड्रा स्थित हरिश्चंद्र उच्च विद्यालय के डायरेक्टर जितेंद्र नाथ मिश्रा ने स्पष्ट किया है कि बोर्ड की बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से डायरेक्ट चुना गया है। जिसके सभी वैध कागजात और बोर्ड सदस्यों की हस्ताक्षर पत्र इनके पास है।

जितेंद्र नाथ मिश्रा ने बताया है कि विगत 8 जनवरी को कांड्रा हरिश्चंद्र उच्च विद्यालय में आयोजित बोर्ड की बैठक में हरिश्चंद्र विद्या मंदिर विकास कल्याण समिति में इन्हें सदस्यों समेत शिक्षकों ने सर्वसम्मति से डायरेक्टर बनाया है। जिसका प्रमाण है कि 50 से भी अधिक सदस्यों जिसमें शिक्षक भी मौजूद हैं उनके हस्ताक्षर बोर्ड मीटिंग के मिनट्स मौजूद हैं। डायरेक्टर जितेंद्र नाथ मिश्रा ने आरोपो को खारिज करते हुए कहा कि हरिश्चंद्र विद्या मंदिर जो खाता संख्या 233, प्लॉट संख्या- 812, 813 ,814, 815 और 816 में स्थित है. इसके सभी कागजात मौजूद हैं। इन्होंने बताया कि 1964 खतियान भी मौजूद हैं। वर्तमान स्कूल के शिक्षक, प्रिंसिपल सभी ने जनवरी माह में ही सरायकेला व्यवहार न्यायालय में एग्रीमेंट के तहत इन्हें एन ओ सी प्रदान किया है। इसके बाद ये जनवरी माह से स्कूल के विकास कार्यों में लगे हुए हैं। इन्होंने पक्ष रखते हुए बताया कि जर्जर भवन निर्माण, स्कूल रंग रोगन, बेंच-डेक्स आदि का निर्माण करवाया है और आगे स्कूल के विकास कार्य लगातार जारी हैं।


दिवंगत हरिश्चंद्र वार्ष्णेय के पोते राजकुमार वार्ष्णेय ने लगाए हैं आरोप
डायरेक्टर जितेंद्र नाथ मिश्रा ने बताया कि स्कूल की स्थापना करने वाले दिवंगत हरिश्चंद्र वार्ष्णेय के पोते राजकुमार वार्ष्णेय ने गलत तरीके से कागजात बनाने संबंधित गंभीर आरोप लगाए हैं। जो निराधार है। इन्होंने बताया कि राजकुमार वार्ष्णेय ने दादा द्वारा बनाए गए स्कूल और बिल्डिंग निर्माण को लेकर 45 लाख में स्कूल भवन बेचे जाने की मांग रखी गई थी ,जिस पर जितेंद्र नाथ मिश्रा ने स्कूल के कागजात मांगे थे। जो राजकुमार वार्ष्णेय के पास नहीं मिले, इन्होंने बताया कि ट्रस्ट द्वारा स्कूल संचालित है इसे खरीदा या बेचा नहीं जा सकता। लिहाजा ये डायरेक्टर बनकर स्कूल का संचालन कर रहे हैं। जितेंद्र मिश्रा ने बताया कि दिवंगत हरिश्चंद्र वार्ष्णेय के दो पुत्र हैं सुभाष वार्ष्णेय एवं प्रेमचंद वार्ष्णेय , सुभाष वार्ष्णेय के पुत्र राजकुमार वार्ष्णेय ने दावा किया है, जबकि इनका पूरा परिवार 15 सालों से भी अधिक समय तक स्कूल की सुध नहीं लिया।


स्कूल संचालन दिक्कत को लेकर शिक्षकों ने प्रधानमंत्री को लिखा था पत्र
हरिश्चंद्र विद्या मंदिर के डायरेक्टर जितेंद्र नाथ मिश्रा ने पत्र दिखाते हुए बताया कि कुछ वर्षों पूर्व विद्यालय के सभी शिक्षकों ने स्कूल संचालन में आ रही परेशानी को देखते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। जिसमें इस विद्यालय को सरकारी विद्यालय में शामिल किए जाने की मांग रखी गई थी। जिस पर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा शिक्षा विभाग को जांच का आदेश आया था जिसके बाद एक रिपोर्ट तैयार कर भेजा गया था।
अभी तकरीबन 300 बच्चे पढ़ रहे
जितेंद्र नाथ मिश्रा ने बताया कि पूर्व में स्कूल में केवल 52 बच्चे पढ़ रहे थे, इन्होंने अपने प्रयास से तकरीबन 300 बच्चों को स्कूल में दाखिला करवाया है। जिन्हें बेहतर शिक्षा दी जा रही है। 10वी बोर्ड की परीक्षा में 92% तक छात्रों ने हासिल किया है। जिसे लेकर सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। जिसमें राजकुमार वार्ष्णेय भी शामिल थे, तब उन्हें आपत्ति नहीं थी। जितेंद्र नाथ मिश्रा दावा किया है कि प्रशासन द्वारा जांच कराया जाए यह पूरे कागजात के साथ जवाब के लिए तैयार हैं।