Jainthgarh (जैंतगढ़) : सरकार मध्याह्न भोजन की राशि भी उपलब्ध नही कर पा रही है. सरकार नौनिहालों के थाली में को नही छोड़ा वंहा भी डाका डाल रही है. इसे सत्ता में एक मिनट भी बने रहने का हक नही है. उक्त बातें भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री बड़कुंवर गगराई ने कही.
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उन्होंने कहा कि सरकार राशि नही देकर शिक्षकों को बिचौलिया बनने पर मजबूर कर रही है. जान बुझ कर राशि पेंडिंग रखती है. ताकि समिति की जगह शिक्षक एमडीएम (ADM) का संचालन करें.
भाजपा प्रखंड अध्यक्ष राई भूमिज ने कहते हैं कि ये झारखंड की शिक्षा को चौपट करने की साजिश है. सरकार समिति को झुनझुना पकड़ा रखी है. शिक्षको को एमडीएम का संचालन नही करना है. पर लचर व्यवस्था में 90% से अधिक स्कूलों में प्रधान शिक्षक ही मध्याह्न भोजन का संचालन करते है. एमडीएम और रिपोर्ट के बहाने ऑफिस से उठते ही नही. पूरे शैक्षणिक काल ऑफिस की कुर्सी पर बीत जाता है. वाह री सरकार प्रधान शिक्षको को एक लाख पेमेंट देकर क्लर्क का काम ले रही है. ये आदिवासी मूल वासी बच्चो को शिक्षा से दूर रखने की चाल है.
भाजपा के दिग्गज नेता सत्यपाल बेहरा ने कहा एक प्रधान शिक्षिका ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा हम पढ़ाएंगे तो रिपोर्ट कोन बनाएगा. रिपोर्ट नही जमा करेंगे तो वेतन स्थगित हो जायेगा. हम यहां अपनी नौकरी बचाए या बच्चों को पढ़ाए.
अर्जुन सरदार ने कहा कि शुक्रवार या सोमवार को अंडा दिवस के दिन अगर छुट्टी हो तो उसके अगले दिन अंडा देना है. आज तक किसी स्कूल में छुट्टी के अगले दिन अंडा नही दिया जाता. कुल मिला कर एम डी एम भ्रष्टाचार की नीव पर खड़ी है जिसमें बहुत सारे रहस्य छिपे हुए हैं.
इधर, अभिभावकों का आरोप है राशि के अभाव में क्वालिटी और क्वांटिटी के साथ जमकर समझौता हुआ है. अभिभावक और समिति के लोग भी कुछ बोल नहीं पाए. शिक्षकों ने राशि नही होने का रोना रो रहे हैं.
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