चाईबासा (Chaibasa) :- पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय के सभागार में उपायुक्त अनन्य मित्तल के अध्यक्षता में जिला तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति (DTCCC) की बैठक-सह-धूम्रपान मुक्त घोषणा समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह के दौरान उपायुक्त के द्वारा पश्चिमी सिंहभूम जिले को धूम्रपान मुक्त जिला घोषित किया गया.
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पश्चिमी सिंहभूम जिले के धूम्रपान मुक्त घोषित होने के बाद सिंहभूम (कोल्हान) प्रमण्डल राज्य का पहला धूम्रपान मुक्त प्रमण्डल बन गया है. इसके साथ ही पश्चिमी सिंहभूम जिला राज्य का 10वां धूम्रपान मुक्त घोषित हुआ है. इस दौरान उपायुक्त ने कहा कि जिले को धूम्रपान मुक्त घोषित करते हुए मुझे काफी प्रसन्नता हो रही है. इस अभियान को सफल बनाने के लिए हमसब को अपना सार्थक सहयोग देना होगा. उन्होंने कहा कि समाज के लोगों को तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों से अवगत करवाते हुए इस पर पूर्ण नियंत्रण लगाने के लिए सभी को प्रयासरत रहना होगा, साथ ही लोगों को तंबाकू का सेवन नहीं करने के लिए प्रेरित एवं जागरूक करना होगा.
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तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति के क्रियाकलापों की समीक्षा के दौरान उपायुक्त के द्वारा जिले वासियों से अपील करते हुए कहा गया कि धूम्रपान मुक्त के बाद अब हमलोगों को अपने सम्पूर्ण जिले को तम्बाकू मुक्त बनाने की एक विशेष मुहिम शुरू करनी है. ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को तम्बाकू के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके. उपायुक्त ने तम्बाकू नियंत्रण हेतु जिले में गठित त्रिस्तरीय छापामार दस्ते के सभी सदस्यों को शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के अंदर अवस्थित सभी तम्बाकू उत्पाद बेचने वाले दुकानदारों को हटवाते हुए नियमित रूप से छापामारी करने का निर्देश दिया. इस क्रम में उपायुक्त सहित जिले के सभी वरीय पदाधिकारियों द्वारा धूम्रपान मुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किया गया. जिले को धूम्रपान मुक्त बनाने में बेहतर सहयोग के लिए उपायुक्त के द्वारा सभी जिला स्तरीय, अनुमंडल स्तरीय एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के सभी पदाधिकारी, पुलिस विभाग के सभी पदाधिकारी सहित जिले के सभी आम जनता, संगठन, शैक्षणिक संस्थान, सहयोगी संस्था सीड्स, तमाम मीडियाकर्मी व सभी सम्बन्धित हितधारकों को धन्यवाद एवं बधाई दी गई.
तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के लिए राज्य सरकार की तकनीकी सहयोगी संस्था सोशियो इकोनॉमिक एण्ड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाईटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि राज्य सरकार के द्वारा सभी 24 जिलो में चलाए जा रहे तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम COTPA-2003 की विभिन्न धाराओं के अनुपालन की स्थिति जानने के लिए झारखंड स्वास्थ्य मिशन के द्वारा समय समय पर स्वतंत्र एजेंसी से अनुपालन सर्वेक्षण कराया जाता है. इसके साथ ही उस अनुपालन प्रतिवेदन के आधार पर COTPA -2003 की धारा 4 (सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध) के अनुपालन की बेहतर स्थिति के अनुसार जिलों को धूम्रपान मुक्त घोषित किया जाता है. राज्य के 6 जिलों यथा राँची, बोकारो, सरायकेला-खरसावां, धनबाद, रामगढ एवं खूँटी तथा दो शहर जमशेदपुर और हजारीबाग को धूम्रपान मुक्त जिला घोषित किया जा चुका है. श्री मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2003 में भारतीय संसद द्वारा पारित कोटपा अधिनियम के सफल क्रियान्वयन के कारण देश ने तंबाकू नियंत्रण के मुद्दे पर काफी हद तक सफलता प्राप्त किया है. उन्होंने बताया कि अधिनियम के तहत बच्चों और अव्यस्को को तम्बाकू पदार्थ बेचने वाले दुकानदारों के लिए 7 साल की सजा और 1 लाख रुपये जुर्माना सहित शिक्षण संस्थानों के 100 गज की परिधि में तंबाकू उत्पाद बिक्री हेतु दंड का भी प्रावधान किया गया है.
समारोह में अपर उपायुक्त संतोष कुमार सिन्हा, सिविल सर्जन डॉ साहिर पाॅल, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी सुश्री ईशा खंडेलवाल सहित खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी, नोडल पदाधिकारी-तंबाकू नियंत्रण कोषांग, सीड्स के पदाधिकारी व अन्य उपस्थित रहे.
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