Saraikela : गांव को समृद्ध बनाकर ही राज्य और देश का विकास किया जा सकता है. महिला सखी मंडलों को ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार से जोड़कर उन्हें स्वावलंबी और सशक्त बनाने को लेकर सरकार प्रयासरत है. उक्त बातें मंत्री चंपई सोरेन ने गम्हरिया प्रखंड स्थित रापचा पंचायत के पदमपुर स्थित गम्हरिया आजीविका संसाधन केंद्र उद्घाटन के मौके पर कही.
झारखंड सरकार के ग्रामीण विभाग अंतर्गत जेएसएलपीएस (झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी) द्वारा संपोषित योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर पशुपालन, कृषि पालन की जानकारी प्रदान कर स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से सखी मंडल कार्यरत हैं. कार्यक्रम में मौजूद सखी मंडलों को स्वरोजगार से लेकर मार्केटिंग की जानकारी प्रदान की गई. इस मौके पर मंत्री चंपई सोरेन ने सखी मंडलों को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी मूलवासीयों के विकास के साथ गांव को सशक्त बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. जिसके तहत इन योजनाओं को संचालित किया जा रहा है.
कार्यक्रम के दौरान मंत्री चंपई सोरेन ने डिस्टिक प्रोग्राम मैनेजर और ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर से सखी मंडलों के कार्यों की जानकारी प्राप्ति की. मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया की योजनाएं केवल फाइलों तक सिमट के ना रहे बल्कि इनके प्रोग्रेस रिपोर्ट की भी समीक्षा की जाए. ताकि चल रहे सभी योजनाओं का भरपूर लाभ महिलाओं को मिले.
सखी मंडलो का बढेगा मानदेय
आजीविका संसाधन केंद्र उद्घाटन के मौके पर मंत्री चंपई सोरेन ने सखी मंडल की महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि उनके मानदेय बढ़ाने को लेकर प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर वे मुख्यमंत्री से बात करेंगे. ताकि मानदेय में बढ़ोतरी हो सके. उन्होंने कहा कि महिला स्वावलंबन के दिशा में बेहतर प्रयास होंगे. ताकि यह क्षेत्र महिलाओं के लिए मिसाल बन सके. उद्घाटन समारोह में मंत्री के अलावा जिला परिषद सदस्य पिंकी मंडल, प्रखंड प्रमुख अनीता टूडू, रापचा गांव की मुखिया सुखमति मार्डी, डुमरा की मुखिया पियो हांसदा, कांड्रा पंचायत मुखिया संकरी सिंह, दुग्धा पंचायत मुखिया मोहन बास्के समेत अन्य गणमान्य तिथि भी मौजूद रहे.
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