Adityapur: आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र समेत आस पास 50 साल से ज्यादा समय से सरकारी जमीन में बसे लोगो की जमीन बंदोबस्ती एवं सर्वे सेटलमेंट झारखंड में करने की मांग को लेकर चुनाभट्टा आदित्यपुर में रमेश हंसदा की अध्यक्षता जनसभा का आयोजन हुआ जिसमे इन मुद्दों को लेकर भूमि सुधार आंदोलन का निर्णय लिया गया ।
सभा को संबोधित करते हुए भूमि सुधार आंदोलन के संयोजक बने रमेश हंसदा ने कहा कि जमशेदपुर में टाटा कंपनी के साथ ही साथ सरकार ने आदित्यपुर में भी रैयतों से जमीन अधिग्रहण करके आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण किया जिसमें काम करने के लिये हज़ारों लोग झारखंड और अन्य प्रांतों से आये I सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र तो बना दिया लेकिन यहाँ काम करने वालों के रहने के कोई वयवस्था नहीं किया I रहने के लिए समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण धीरे-धीरे इन लोगों ने खरकई नदी के तट पर आदित्यपुर क्षेत्र में बसना शुरू किया।वर्षों से बसे होने के कारण सरकारों ने भी इन लोगों को मूलभूत सुविधा बिजली ,पानी, सड़क ,राशन सभी तरह का सुविधा मुहैया करा रही है। लेकिन वर्षों से बसे इन लोगों को आज भी अवैध जमीन में बसे होने के कारण सरकार द्वारा उपलब्ध कई अन्य लाभों से वंचित होना पड़ रहा है। तत्कालीन बिहार सरकार के द्वारा 1990 के दशक में बंदोबस्ती को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया था ।झारखंड बिहार में 1932 और 1964 के बाद कोई सेटलमेंट का काम ,भूमि सुधार करने का काम ,किसी भी सरकार ने नहीं किया जिस वजह से आज भी गांव देहातों में पुराने खतियान में ही वंशावली बना बना कर जमीन के विभिन्न तरह का काम किया जा रहा है । इस कारण जमीन की गलत तरीके से हस्तांतरण एवं लूट भी हो रही है ।जन आंदोलन खड़ा कर इन मुद्दों को सरकार के समक्ष उठाया जाएगा।रमेश हंसदा ने आम लोगो से अपील किया कि इस जन आंदोलन में साथ देकर 50 से ज्यादा बस्तियों को जमीन का अधिकार के साथ-साथ झारखंड राज्य में सर्वे सेटेलमेंट का मांग को मजबूत करें।
भूमि सुधार आंदोलन कमेटी का गठन