Chaibasa :- कुरमी-महतो के द्वारा आदिवासी बनने की मांग के विरोध में कोल्हान का मुख्यालय चाईबासा में मंगलवार को आदिवासी समुदाय के लोग एकजुट होकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए जन आक्रोश रैली निकाला. इस हो समुदाय के लोग बाइक पर सवार होकर चाईबासा शहर के मुख्य सड़कों से होते हुए रैली निकाली और मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों का पुतला दहन किया.
रैली टाटा कॉलेज मैदान से शुरू होकर ताबो चौक, बस स्टैंड, सुप्पलसई साई चौक, होते हुए पोस्टऑफिस चौक पर सभी इकट्ठा हुए और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंत्री चंपई सोरेन, विधायक दशरथ गगराई, विधायक निरल पूर्ती, पूर्व विधायक शशिभूषण सामड का पुतला दहन किया. जिसके बाद रैली एसपीजी स्कूल होते हुए आदिवासी हो समाज महासभा परिसर में समाप्त हो गई.
इस दौरान मंच के अध्यक्ष रमेश जेराई ने कहा कि सदियों से आदिवासी और मूलवासी झारखंड में आपसी भाईचारा के साथ रहते आ रहे हैं. भाषा और स्थानीयता के आंदोलन में चट्टानी एकता का परिचय भी दिया. इससे भयभीत हो कर बड़े षडयंत्र के तहत राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञों द्वारा झारखंडी एकता को तोड़ने और आपस में फूट डालो और राज करो की नियत से कुड़मी को आदिवासी बनने और बनाने के नारा को बुलंद किया जा रहा है. जिसमे कुड़मी समुदाय तथ्यहीन और आधारहीन बातों के साथ झारखंड में आंदोलनरत है. कुड़मी/महतो समुदाय आदिवासी में शामिल होने के लिए सड़क से संसद और रेल रोको आदि गतिविधियों के माध्यम से सरकार और आम लोगों को दिग्भ्रमित कर रहे हैं. वहीं कुड़मी/महतो आदिवासी में शामिल हो जाने से असली आदिवासी समाज/अनुसूचित जनजाति के अस्मिता और अस्तित्व को खतरा है. यह मूल आदिवासियों के भावी पीढ़ीयों के लिए शिक्षा, रोजगार, आरक्षण, राजनैतिक और संवैधानिक अधिकारों का हनन है. कुरमी /महतो को आदिवासी बनने से रोकने के लिए तमाम आदिवासी समाज और संगठन आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं.
इस रैली में कोल्हान प्रमंडल मुख्यालय चाईबासा में सम्पूर्ण आदिवासी समाज हो, मुंडा, संथाल, उरांव, भूमिज, खड़िया, बिरहोर एवं विभिन्न आदिवासी संगठन, नौजवान, बुजुर्ग, कलाकार, साहित्यकार, डॉक्टर्स, अधिवक्ता, स्वयं सेवी और बुद्धिजीवी वर्ग आक्रोश रैली कर अपना विरोध और जन आक्रोश प्रकट किया.