Chaibasa : प्रैक्टिकल, वायवा में अधिक नंबर देने के नाम पर प्रत्येक वर्ष अंतिम वर्ष के प्रशिक्षु शिक्षकों से मोटी रकम की उगाही करने वाले शिक्षकों एवं दोषी पदाधिकारियों पर जांचोपरांत कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने के संबंध में राष्ट्रीय भ्रष्टाचार नियंत्रण एवं जन कल्याण संगठन ने मंगलवार को साक्ष्यों के साथ पश्चिमी सिंहभूम उपायुक्त को एक पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि चैनपुर स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान जिसका प्रभारी प्राचार्य के रूप में वर्तमान समय में अजय कुमार महतो और प्राचार्य के रूप में अतिरिक्त प्रभार के रूप में उप-जिला शिक्षा पदाधिकारी (SDEO) मधुकर सिंह को प्रभार दिया गया है.
महाविद्यालय में प्रत्येक वर्ष 100 प्रशिक्षु शिक्षकों की दाखिला लिया जाता है. इस महाविद्यालय में पिछले कई वर्षों से अंतिम वर्ष के प्रत्येक प्रशिक्षु शिक्षकों से लाखों रुपया प्रैक्टिकल और वायवा में अधिक नंबर देने के नाम पर उगाही की जाती रही है. अन्य अनुचित गतिविधियां भी इस महाविद्यालय में निरंतर चलती आ रही है. जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, चैनपुर में वर्ष 2023 में सत्र 2019-21 के प्रत्येक प्रशिक्षु शिक्षकों से प्रैक्टिकल और वायवा परीक्षा में अधिक नंबर देने के नाम पर 2000 रूपये तथा वर्ष 2022 में सत्र 2018-20 के प्रत्येक प्रशिक्षु शिक्षकों से 1900 रूपये एवं वर्ष 2023 में सत्र 2018-20 एवं 2019-21 के प्रत्येक प्रशिक्षुओं से महाविद्यालय पदाधिकारियों द्वारा महाविद्यालय से छात्रवृत्ति अनुमोदन के लिए 300 रूपये की वसूली की गई है. वसूली का विरोध किये जाने पर प्रैक्टिकल और वायवा में नंबर नहीं दिए जाने की धमकी महाविद्यालय पदाधिकारी द्वारा दी जाती है. अंतिम वर्ष के प्रशिक्षुओं से इस बाबत रुपये इकट्ठा करने के लिए ऑफलाइन एवं ऑनलाइन माध्यम से लाखों रूपये का उगाही किया गया है. महाविद्यालय में प्रत्येक वर्ष प्रशिक्षु शिक्षकों की दाखिला के दौरान प्रत्येक प्रशिक्षुओं से एक-एक बाल्टी, मग, गैता, कुदाल, खुरफी, झाड़ू, दौली आदि जमा किया गया है. अगर पिछले 5 वर्षों का आकलन किया जाए तो ऊपर वर्णित सभी सामान 500-500 की संख्या में होनी चाहिए थी पर वर्तमान में एक भी सामान महाविद्यालय में नहीं है. विगत मई से नये सत्र 2020-22 के लिए महाविद्यालय में प्रशिक्षुओं की दाखिला नहीं हुई है. कक्षाओं का संचालन बंद है. इसके बावजूद महाविद्यालय में 6 शिक्षण कर्मचारी (अजय कुमार महतो, मधुबन गोप, मनोज कुमार महतो, शम्भु महतो, अनिल कुमार, महिमा संगा) तथा 4 गैर-शिक्षण कर्मचारी (प्यारी बोदरा, सुनील कुमार महतो, मनिक लाल महतो, बिन्देश्वर तियु) अब तक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, चैनपुर में पदस्थापित हैं. इन सभी शिक्षण कर्मचारी एवं गैर-शिक्षण कर्मचारियों को आवश्यक विद्यालयों में स्थानांतरण किये जाने समेत चैनपुर में डीआईइटी की पढ़ाई बंद, फिर भी भवन मरम्मत पर किए जा रहे हैं करोड़ों रुपए खर्च की जांच की भी मांग की गई है. प्रतिनिधिमंडल के रूप में राष्ट्रीय भ्रष्टाचार नियंत्रण एवं जन कल्याण संगठन के झारखंड प्रदेश निदेशक बसंत महतो, सामाजिक कार्यकर्ता रामहरि गोप उपस्थित थे.