बांग्लादेशी घुसपैठियों से आदिवासियों के अस्तित्व संकट में
Chaibasa (चाईबासा) : गुआ गोलीकांड में शहीद हुए शहीदों को श्रद्धांजलि देने को सभी नेताओं का हुजूम उमड़ पड़ा. इस दौरान भाजपा नेताओं ने गुआ गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन भी भाजपा नेताओं के साथ गुआ पहुंचे. शहीदों की बेदी पर जाकर शहिदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि गोलीकांड कांग्रेस सरकार में हुआ था. एक लाइन में खड़ा करके सभी आंदोलनकारियों को गोलियों से भून दिया गया था. उस दौरान कांग्रेस ने सारी हदें पार कर दी थी. तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कभी अलग राज्य देने के बारे में नही सोचा और ना इसके लिए किसी भी प्रकार का काम का किया. कोल्हान में जितने भी गोलीकांड हुए सभी कांग्रेस के शासन काल मे हुए. लड़ाई भी आदिवासी अलग झारखंड राज्य व जल, जंगल, जमीन पर अधिकार के लिए सिर्फ लड़ रहे थे. आदिवासियों की आंदोलन को कांग्रेस कभी नही समझ पाया.
सन 2000 में भाजपा की केंद्र सरकार प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने झारखंड के आदिवासियों मूलवासियों का दर्द को समझा और झारखंड अलग राज्य कर दिया. उन्होंने कहा कि झारखंड में फिर एक बार जटिल समस्या आ गई है और वो है बांग्लादेशियों की घुसपैठ. इससे आदिवासियों का अस्तित्व आज संकट में है. आदिवासियों को बंगलादेशी घुसपैठ खत्म करने का काम कर रहे हैं. संथाल की धरती से 1855 में सिद्धू कानू, चंद भैरव, फूलो जानो के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ उन लोगों ने बगावत किया था. हजारों पूर्वजों ने खून बहाया और संथाल परगना का नाम कर गए. इस संकट से अगर बचाना है तो दूसरा कोई राजनीतिक दल नही है सिर्फ एक ही दल है भारतीय जनता दल, इसलिए मैंने सदस्यता ग्रहण किया. हम इसी जगह से संघर्ष करके संथाल परगना को बचाने का काम करेंगे.
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