Saraikela :- सरायकेला ज़िले के चौका-कांड्रा मार्ग इन दिनों सड़क दुर्घटना की दृष्टि से डेंजर जोन बना हुआ है. ऊपर से कांड्रा स्थित अमलगम स्टील कंपनी तो मानो लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने पर तुली हुई है. कंपनी में प्रवेश करने के लिए आए सैकड़ो भारी मालवाहक वाहन दो दिनों से लगभग 5 किलोमीटर के दायरे में सड़क के दोनों किनारे खड़े हैं.
सड़क किनारे आड़े-तिरछे खड़े टेलर और ट्रकों के कारण आवागमन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. यह नजारा अक्सर देखने को मिलता है और इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं. राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन भी बुधवार को इसी जाम में फंस गए थे. इससे उनके पार्टी के कार्यकर्ताओं में तीव्र आक्रोश देखा गया था. स्थानीय लोगों के मुताबिक इतिहास गवाह है कि जब-जब अमलगम स्टील कंपनी में आए यह भारी मालवाहक वाहन सड़क को जाम कर देते हैं तब-तब इस मार्ग पर सड़क दुर्घटना में लोग असमय काल के गाल में समा जाते हैं. पिछली दफे बनसा निवासी एक शिक्षक विश्वनाथ महतो के पूरे परिवार सहित सड़क दुर्घटना में घायल हो जाने के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था और लोगों ने सड़क किनारे खड़े इन भारी वाहनों में तोड़फोड़ भी की थी. जिसके बाद प्रशासन की कुंभकरनी निद्रा टूटी थी और कुछ दिनों तक भारी वाहनों को सड़क किनारे खड़ा करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था. लेकिन मामला ठंडा होते ही स्थिति फिर जस की तस हो गई है.
सुबह आदित्यपुर स्थित औद्योगिक प्रतिष्ठानों में दैनिक मजदूरी करने जा रहे कई मजदूर अपने काम में जाने से वंचित रह गए. मजदूरों का कहना था कि कंपनी में बायोमेट्रिक हाजिरी लगानी पड़ती है और जाम के कारण आज काफी विलंब हो गया. ऐसे में उन्हें कंपनी में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा.यही हाल विभिन्न सरकारी कार्यालय में जाने वाले कर्मचारियों का भी रहा. उनकी भी हाजिरी छूट गई. जाम स्थल पर काफी संख्या में स्थानीय लोग और राहगीर जमा है. इस दौरान भारी वाहन चालकों तथा राहगीरों के बीच तू-तू मैं-मैं हो रही है. लेकिन घोर आश्चर्य की बात है कि कानून व्यवस्था के बिगड़ते माहौल की संभावना को देखने के बावजूद भी ना तो जिला प्रशासन, न स्थानीय पुलिस और ना ही ट्रैफिक पुलिस का एक भी कर्मचारी जाम स्थल पर नजर आया है.