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सड़क किनारे आड़े-तिरछे खड़े टेलर और ट्रकों के कारण आवागमन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. यह नजारा अक्सर देखने को मिलता है और इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं. राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन भी बुधवार को इसी जाम में फंस गए थे. इससे उनके पार्टी के कार्यकर्ताओं में तीव्र आक्रोश देखा गया था. स्थानीय लोगों के मुताबिक इतिहास गवाह है कि जब-जब अमलगम स्टील कंपनी में आए यह भारी मालवाहक वाहन सड़क को जाम कर देते हैं तब-तब इस मार्ग पर सड़क दुर्घटना में लोग असमय काल के गाल में समा जाते हैं. पिछली दफे बनसा निवासी एक शिक्षक विश्वनाथ महतो के पूरे परिवार सहित सड़क दुर्घटना में घायल हो जाने के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था और लोगों ने सड़क किनारे खड़े इन भारी वाहनों में तोड़फोड़ भी की थी. जिसके बाद प्रशासन की कुंभकरनी निद्रा टूटी थी और कुछ दिनों तक भारी वाहनों को सड़क किनारे खड़ा करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था. लेकिन मामला ठंडा होते ही स्थिति फिर जस की तस हो गई है.