Jamshedpur :- टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन की कमेटी मीटिंग संपन्न हुई जिसकी अध्यक्षता अध्यक्ष गुरमीत सिंह ने किया।
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इस बैठक में महामंत्री आरके सिंह के साथ सलाहकार प्रवीण सिंह भी उपस्थित हुए विषय प्रवेश करते हुए महामंत्री आर के सिंह ने कहा कि पूर्व से जो चर्चा चल रही थी अस्थाई साथियों के संबंध में जो डी एल सी महोदय (धालभुम) के आदेश पर प्रबंधन को जो 3 महीने के अंदर में स्थाईकरण का रूप रेखा मसौदा पेश करना था।
उसका समय इस माह के अंत में समाप्त हो रहा है और प्रबंधन की ओर से जो मसौदा सरकार को देने जा रही है। जिसमें अस्थाई साथियों को स्थाई करण के साथ अन्य प्लांट या अन्य जगहों पर स्थानांतरित करने का बात सामने आया है एवं एम्पलाई वार्ड को अस्थाई रूप में बहाली बंद करने के संबंध में लिखित आदेश आने की बात हो रही है। इन विषयों पर बारी-बारी से कमेटी मेंबर अपना विचार दें। इन विषयों पर बोलते हुए लगभग सभी कमेटी मेंबरों ने यह राय रख कि किसी भी हालत में स्थानांतरण सही नहीं है। इसका विरोध यूनियन को करना चाहिए साथ ही साथ 2600 लोग लगभग अस्थाई हैं। उनके स्थानांतरण से यहां जो मजदूरों की कमी होगी। उसे पूरा नहीं किया जा सकता यह भी आने वाले समय के लिए एक समस्या होगी। कमेटी मेंबरों द्वारा यह भी चर्चा की गई ज्यादा से ज्यादा अस्थाई साथी यूनियन पर विश्वास करते हैं और उनके साथ से आशा भरे निगाहों के साथ खड़े हैं। टाटा मोटर्स जमशेदपुर में जो काम का माहौल है उसकी तुलना अन्य कंपनियों से नहीं की जा सकती इसलिए यहां जो वार्ड एंप्लॉयमेंट सिस्टम किसी भी कीमत पर बंद नहीं होनी चाहिए।
सभी के विचारों को सुनने के बाद सलाहकार प्रवीण सिंह ने कहा यहां जो वार्ड एम्पलाई सिस्टम है वह हमारे पूर्वजों ने यूनियन के नेताओं ने मिलकर बनाया था और यह एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें मजदूर और कारखाने के बीच खून के रिश्ते से भी घनिष्ठ वाला रिश्ता कायम हो गया है। हर कर्मचारी को यह लगता है कि यह हमारे पूर्वजों का बनाया हुआ कंपनी है और हमारे बच्चों के लिए भविष्य इस कंपनी के साथ जुड़ी है और जहां भूत और भविष्य दोनों शामिल हो जाता है वहां सर्वश्रेष्ठ त्याग की भावना के साथ मजदूर काम करते हैं और ऐसा टाटा मोटर्स जमशेदपुर में होता रहा है। इसलिए वार्ड एंप्लॉयमेंट सिस्टम को बंद करना कारखाने की भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा होगा साथ ही साथ स्थानांतरण की बात सुनकर ऐसा लग रहा है कि प्रबंधन के साथी यह भूल गए हैं। जमशेदपुर प्लांट चलाने के लिए भी लोग की आवश्यकता है। इसलिए इन बातों पर प्रबंधन पुनः विचार करें यूनियन इस किसी भी कीमत पर सहमत नहीं हो सकती वही महामंत्री आरके सिंह ने अपने संबोधन में कहा आप सबके विचार से मैं पूरी तरह सहमत हूं। यूनियन के नेतृत्व आज हमारे हाथ में है और हम ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे। जिससे यहां के कर्मचारियों के लिए उचित या लाभदायक ना हो यूनियन प्रबंधन और सरकार तीनों के एक मुस्त समझौते से ही कोई भी फैसला होगा और प्रबंधन का जो मसौदा है। उसे एक सीधे से खारिज करते हुए दोनों विषयों पर यूनियन आर पार की लड़ाई के लिए तैयार है। निश्चित तौर पर हम एक रिकॉग्नाइज यूनियन है। हम टेबल पर बैठकर बातों को समस्याओं को हल करने में विश्वास करते हैं। लेकिन आवश्यकता पड़ी हम सरकार एवं मुंबई बोर्ड के उच्च अधिकारियों से भी बात करने में कोताही नहीं बरतेंगे।
अध्यक्ष गुरमित सिंह ने अपने संबोधन ने कहा अभी तक हम लोग प्रबंधन के साथ बात करके सकारात्मक हल निकालने का प्रयास कर रहे थे। किंतु ऐसा प्रतीत हो कि मजदूरों के भावना समझने को तैयार नहीं यूनियन यह चाहती है की स्थाईकरण हो ज्यादा से ज्यादा संख्या में स्थाई कारण हो। एक बढ़िया मसौदा सरकार को भेजा जाए ना की इस तरह की बातें आए की एम्पलाई वार्ड की नौकरी बंद होगी स्थाईकरण के साथ स्थानांतरण होगा इस तरह के विषय से यहां का राजनीतिक माहौल खराब होगा और जो आज स्मूथ माहौल चल रहा है वह भी खराब होगा। यूनियन प्रबंधन के साथ ताल से ताल मिलाकर काम करती है किंतु जहा मजदूर हित की बात होगी वहां ढाल बनकर खड़ा होने का भी काम यह यूनियन करेगी। इसलिए मसौदा मे यह तय किया जाए की ज्यादा से ज्यादा अस्थाई को स्थाई किया जाय।
बैठक समाप्त होने के बाद अध्यक्ष श्री गुरमीत सिंह महामंत्री आर के सिंह एवं सलाहकार प्रवीण सिंह ने डीएलसी महोदय से मुलाकात कर विस्तृत रूप से यूनियन के पक्ष को लिखित रूप में दिया। जिसमें उल्लेखित किया गया टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन यह मांग करती है की ज्यादा से ज्यादा अस्थाई साथियों को अस्थाई करण की जाए किसी भी मजदूर को स्थानांतरण की चर्चा ना हो और ना ही कार्रवाई हो टाटा मोटर्स में जैसे कर्मचारी पुत्रों की बहाली होती रही है वह बद्दस्तूर जारी रहे इन तीनों विषयों के साथ टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन अपनी मांग डीएलसी महोदय के समक्ष रखी है। एव सहीयोग कि अपेक्षा किया।