Chaibasa : कोल्हान विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के तत्वाधान में शनिवार को वार्षिक टुसू मिलन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में कोल्हान विश्वविधालय के कुलसचिव डॉ. राजेंद्र भारती, मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविधालय के कुड़माली सहायक प्राध्यापक डॉ. निताय चंद्र महतो उपस्थित थे।
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इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित करने के उपरांत टुसू जागरण गीत के साथ हुआ। अथितियों का स्वागत अपने अभिभाषण में विभाध्यक्ष डॉ. सुनील मुर्मू ने किया तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत कुड़मियों के प्रतीक पीला गमछा देकर किया गया।
कार्यक्रम के विषय पर इस कार्यक्रम के संयोजक सुभाष चन्द्र महतो ने विस्तृत जानकारी साझा करते हुए इस कार्यक्रम के उद्देश्य से छात्रों को अवगत करवाया। कुड़माली पारंपरिक लोकगीतों एवं वाद्ययंत्रों के धुन में पारंपरिक वेशभूषा में आए कुड़माली संकाय के विद्यार्थी जमकर झूमे एवं अपनी समृद्ध भाषा- संस्कृति को प्रदर्शित किया। कुड़माली के पारंपरिक खाद्य पदार्थ गुड़ पीठा एवं टुसू का प्रतीक चौडल आकर्षण का मुख्य बिंदु था।
उक्त अवसर पर डॉ. निताय चंद्र महतो द्वारा टुसू से संबंधित संपूर्ण जानकारी साझा किया गया। अपने भाषण के दौरान दर्शनशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने जनजातियों के संस्कृति से जुड़े तमाम विषयों को केवल जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में ही नहीं बल्कि सभी विभागों के पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कही गई।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. बसंत चाकी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन श्री निशोन हेंब्रम ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से विश्वविधालय के कुलानुशासक डॉ. एम ए खान, विभिन्न विभाग के विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण एवं सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित हुए।