Chaibasa:- सेल की गुआ खदान से प्रभावित सारंडा के दर्जनों गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने सारंडा विकास समिति के बैनर तले सोमवार की सुबह लगभग 6.30 बजे से गुआ खदान के डिस्पैच (क्रेशर) कार्य को ठप कर दिया है.
ग्रामीणों का नेतृत्व सारंडा पीढ़ के मानकी लागुड़ा देवगम, गंगदा पंचायत के मुखिया सुखराम उर्फ राजू सांडिल व विभिन्न गांव के मुंडा कर रहे हैं. इस दौरान आंदोलन स्थल पर सैकड़ों ग्रामीण, सीआईएसएफ, झारखंड पुलिस पदाधिकारी, जवान व खदान के अधिकारी मौजूद हैं. सभी आपस में बातचीत कर आंदोलन को जल्द खत्म करा उत्पादन व माल ढुलाई का कार्य सामान्य रूप से प्रारंभ करने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि अभी तक सकारात्मक वार्ता नहीं हो पाई है. वहीं जगन्नाथपुर के एसडीओ शंकर एक्का, किरीबुरु के एसडीपीओ अजीत कुमार कुजूर, अंचलाधिकारी सुनील चन्द्रा, बीडीओ अनुज बंदो के पहुंचने के बाद संयुक्त वार्ता प्रारंभ होने की बात कही जा रही है. आर्थिक नाकेबंदी के जरिए ग्रामीणों की मांग है कि सेल की गुआ प्रबंधन अपने खदानों के लाल पानी, मिट्टी व मुरुम आदि को जंगल या उनके रैयत कृषि भूमि में जाने से पूरी तरह रोके. उक्त मिट्टी-मुरूम से जिन किसानों के खेत बंजर व बर्बाद हुए हैं, उनकी जांच करा मुआवजा दे. खेत को पुनः उपजाऊ बनाने का कार्य करें. खदान से प्रभावित तमाम गांवों को अपने सीएसआर क्षेत्र में शामिल कर गांवों के सर्वागीण विकास का कार्य प्रारंभ कराए. प्रभावित गांव के बेरोजगारों को खदान में स्थायी व अस्थायी प्रवृत्ति की नौकरी दे. प्रभावित गांव के ग्रामीणों को सेल अस्पताल में मुफ्त चिकित्सा सुविधा, मरीजों को अस्पताल पहुंचाने हेतु एम्बुलेंस सुविधा दे.
सेल के अधीन संचालित डीएवी गुआ में प्रभावित गांव के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा व आवागमन हेतु स्कूल बस अथवा गुआ में सेल आवास उपलब्ध कराया जाये, जहां रहकर बच्चे स्कूल में पढ़ सके. गांवों के शिक्षित युवक-युवतियों को गुआ प्रबंधन अपने तरफ से आइटीआई की शिक्षा उपलब्ध कराये आदि मांगे शामिल है. विदित हो कि 28 अक्टूबर को ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कोल्हान डीआईजी अजय लिंडा व उपायुक्त अनन्य मित्तल से चाईबासा में मुलाकात कर उक्त समस्याओं से अवगत करा समाधान कराने की मांग की थी.
इसके बाद उपायुक्त ने 29 अक्टूबर को जगन्नाथपुर एसडीपीओ शंकर एक्का, किरीबुरु एसडीपीओ अजीत कुमार कुजूर, नोवामुंडी अंचलाधिकारी सुनील चन्द्रा, मनोहरपुर अंचलाधिकारी रविश कुमार, छोटानागरा थाना प्रभारी उमा शंकर वर्मा की एक संयुक्त टीम भेज गुवा खदान के रानी चुआं से लेकर जोजोगुटू, राजाबेड़ा, जामकुंडिया, दोदारी तक मामले की स्थलीय जांच कराई थी.
इस आंदोलन में मंगल कुम्हार, रामो सिद्धू, गुवासाई के मुंडा मंगल पूर्ति, ठकुरा मुंडा दामु चाम्पिया, लिपुंगा मुंडा चरण चाम्पिया, राईका मुंडा भगवान केराई, गंगदा मुंडा बिरसा सुरीन, घाटकुड़ी मुंडा बिरसा चाम्पिया, रोवाम मुंडा बुधराम सिद्धू, हिनुवा मुंडा जुरा सिद्धू, राजाबेड़ा मुंडा जामदेव चाम्पिया, सलाई मुंडा दुखिया सोरेन, दोदारी मुंडा मनबोध चाम्पिया, जामकुंडिया मुंडा कुशु देवगम, पेचा मुंडा सिंगा सुरीन, लेम्ब्रे मुंडा लेबेया देवगम, कुम्बिया मुंडा सोमा चाम्पिया, ममार मुंडा धरम गागराई, हाकाहाटा मुंडा रूगुदू सिरका आदि सैकड़ों ग्रामीण व महिलाएं मौजूद हैं.