Adityapur: जियाडा (पूर्व में आयडा)द्वारा औद्योगिक विस्तार को लेकर गम्हरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न गांव और मौजा में उद्योग स्थापित को लेकर जमीन अधिग्रहण मामलों में विस्थापित हुए जमीन दाताओं को मूलभूत सुविधा और अधिकार दिए जाने की मांग को लेकर विस्थापित आत्मनिर्भर समिति द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत जियाडा क्षेत्रीय कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया.
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सैकड़ों की संख्या में विस्थापित आत्मनिर्भर समिति के बैनर तले कमरिया के कालिका पुर ऊपर बेड़ा गांव के महिला पुरुषों ने बैनर और हाथों में तख्तियां लेकर आगरा कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया लोगों का नेतृत्व कर रहे. पूर्व विधायक और समिति के संरक्षक सूर्य सिंह बेसरा ने बताया कि ग्रामीणों की मांग वर्षों पुरानी है. लेकिन नीतियां सरकार में नई बन रही है. उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने नई औद्योगिक नीति बनाई, इसके साथ झारखंड सरकार ने भी विस्थापन और रोजगार नीति निर्धारित किया है नए नीति के तहत 75% स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता देनी है, लेकिन स्थानीय कौन है इसे सरकार द्वारा अब तक परिभाषित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्षों पूर्व जियाडा के विस्थापितों को जमीन के बदले जमीन, रोजगार, विस्थापित गांव को बुनियादी सुविधाएं सड़क बिजली पानी मुहैया कराना चाहिए. जो बरसों बीतने के बाद भी नहीं किया गया है. ऐसे में जियाडा के विरुद्ध आगे आंदोलन किया जाएगा.
25 सूत्री मांग पत्र सौंपा, मांगा हक अधिकार
विस्थापित आत्मनिर्भर समिति के बैनर तले विस्थापितों ने अध्यक्ष संजय मंडल के नेतृत्व में जियाडा प्रबंध निदेशक के नाम एक 25 सूत्री मांग पत्र सौंपा. जिसमें प्रमुख रुप से जमीन के बदले जमीन का मालिकाना हक, विस्थापित क्षेत्र में स्थापित टाटा लॉन्ग प्रोडक्ट और टाटा ग्रोथ शॉप में विस्थापितों को नियोजन के आधार पर 25% आरक्षण. पुनर्वास क्षेत्र में आधारभूत विकास संरचना सड़क, पेयजल, स्कूल, बिजली, ड्रेनेज, खेल मैदान, पार्क, सार्वजनिक शौचालय, अस्पताल, लाइब्रेरी जाहेरथान आदि स्थापित करने की मांग की गई है. प्रमुख रूप से ट्रेड अप्रेंटिस ट्रेनिंग में विस्थापित छात्रों को प्राथमिकता के आधार पर नियोजित करने समेत कई प्रमुख मांगो को लेकर एक मांग पत्र सौंपा गया.इस मौके पर समिति के सचिव मनीष कुमार महाली, पूर्व मुखिया जवाहरलाल महाली समेत सैकड़ों महिला-पुरुष मौजूद रहे.