कोल्हान भूमि बचाओ समिति ने किया समर्थन

 

 

 

चाईबासा : पुराना चाईबासा गांव में रविवार को ग्राम मुंडा जानूम सिंह देवगम की अध्यक्षता में ग्राम सभा की बैठक हुई। बैठक में कोल्हान भूमि बचाओ समिति के अध्यक्ष बिनोद कुमार सावैया, विधि सलाहकार सह महासचिव सुरेश चंद्र सोय, उपाध्यक्ष डिबर देवगम, सचिव भगवान देवगम, प्रकाश देवगम विशेष रूप से आमंत्रित थे। बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि मौज़ा की 21 एकड़ भूमि पर कृषि विभाग का 1964 से अवैध कब्जा है। इसे कानूनी लड़ाई लड़कर वापस लिया जायेगा। इसकी वापसी हेतु कोल्हान भूमि बचाओ समिति से आंदोलनात्मक व विधिक व न्यायिक सहयोग की अपेक्षित है। आदिवासी हो समाज महासभा के जिलाध्यक्ष बिनोद कुमार सावैया ने कहा कि पूर्वजों ने पहाड़ों को काट कर खेत बनाया था, जिसे 1963- 64 में तात्कालीन बिहार सरकार कृषि विभाग द्वारा बीज उपचार केंद्र हेतु कुछ सालों के लिए लीज पर लिया था, जो अब समाप्त हो चुका है। लेकिन बाद में किसी सरकार ने रैयतों की खोज खबर नहीं ली। मतलब साफ है ये लीज अवधि पाँच सालों तक ही मान्य होगा। अब ग्रामीण दख़ल कर जमीन पर खेती करते रहें। कोई सरकार- अधिकारी आप पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है।

यह जमीन पुराना चाईबासा के रैयतों की है। 1913-14 में यह पुराना चाईबासा के आदिवासी रैयतों का था. 1964 में इसे लीज में लेकर अवैध रूप से बिहार सरकार घोषित किया गया जो गैर कानूनी है। आदिवासी समुदाय का जमीन का प्रकृति बदली नहीं जा सकती है। शहीद पोटो हो, शहीद नारा हो, बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों से लड़ कर हमें सीएनटी एक्ट जैसा कवच दिलाया है। इसका मान रखें। जब तक न्यायिक प्रक्रिया के तहत 21 एकड़ भूमि रैयतों को वापिस नहीं हो जाती, तब तक ग्राम सभा जमीन पर सामूहिक रूप से खेती करती रहे। कानूनी लड़ाई भी चलती रहे। समिति हर कदम पर आपके साथ है। 

बैठक में सिंहराय देवगम, अध्यक्ष विनोद कुमार सावैयां, मानकी देवगम, श्रीमती देवगम, जयधर देवगम, बसंती देवगम, नंदी देवगम, मधुई देवगम, मानी देवगम, जोंगा देवगम, भगवान देवगम, सरजू देवगम, पुतकर देवगम, मधुसूदन देवगम समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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