दोनों गांवों के ग्रामीणों ने संयुक्त बैठक कर लिये कई निर्णय

 

 

चाईबासा : झींकपानी प्रखंड के नवागांव में गुरूवार को नवागांव तथा मंझारी प्रखंड के जोजोबेड़ा के ग्रामीणों की संयुक्त बैठक नवागांव के ग्राम मुंडा मोरन सिंह तामसोय की अध्यक्षता में हुई। बैठक में माघे पर्व समेत उनसे जुड़े अन्य पर्वों पर विचार-विमर्श कर उसकी सर्वसम्मत तिथि तय की गयी।

साथ ही पूरे प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी माघे पर्व के दौरान उनकी परंपराओं का ध्यान रखने पर जोर दिया गया। आदिवासी हो समाज महासभा के पूर्व संगठन सचिव विश्वनाथ तामसोय ने कहा कि हमारी संस्कृति विशिष्ट है। यही हमारी पहचान व अस्मिता है। हम प्रकृति पूजक हैं। इसलिये हमारा जीवन-दर्शन भी प्रकृति से ही प्रेरित है। इसलिये हमें अपनी गौरवशाली संस्कृति को बचाये रखना जरूरी है। और ये सब तब होगा जब हम अपनी परंपरा को नहीं भूलेंगे।

 

माघे पर्व में गैर पारंपरिक वाद्ययंत्र व संगीत बजाने पर रोक

 

बैठक में प्रितिवर्य की भांति इस वर्ष भी माघे पर्व के दौरान दोनों गांवों में गैर पारंपरिक वाद्ययंत्र जैसे डेक बॉक्स, डीजे व गैर पारंपरिक गीत जैसे नागपुरी, संबलपुरी बजाने पर रोक लगायी गयी। दिऊरी के घर से निकलर देशाऊली पहुँंचने तक और पूजा के दौरान ही मागे नारे लगाने की अनुमति रहेगी। ग्रामीणों ने कहा कि हरमगेया पर्व के दिन खेलकूद कार्यक्रम नहीं किया जाये। क्योंकि इसके चक्कर में उस दिन बोंगा-बूरू प्रभावित हो जाता है। निर्णय हुआ कि माघे पर्व (मरंग पोरोब) 23 फरवरी, बोड़ोबोंजी 11 फरवरी, ओते ईली 20 फरवरी, गौमारा 21 फरवरी, गुरीई पोरोब 22 फरवरी, जतरा पोरोब 24 फरवरी, हरमगेया 25 फरवरी को मनाया जायेगा।

बैठक में दिऊरी मोहन तामसोय, जतरा दिऊरी लोरेंस तामसोय, सहायक दिऊरी श्याम मुंडा, सहायक दिऊरी ज्योतिष हेंब्रम, सहायक दिऊरी डूचा तामसोय, विश्वनाथ तामसोय, खुबसुरत कोड़ा, हरीश चंद्र तामसोय, चंद्रमोहन तामसोय, प्रताप सिंह तामसोय, गोल तामसोय, लपुड मुंडा, लक्ष्मी गोप, चिंतामणि गोप आदि मौजूद थे।

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