Giridih : गिरिडीह की स्वास्थ सुविधा पहले से गड़बड़ है और सदर डायलिसिस सुविधा के अचानक बंद होने से मरीज परेशान हो गए है.

लिहाजा, गुरुवार को परेशान मरीजों ने सदर अस्पताल और कोर्ट रोड को जाम कर धरना पर बैठ गए. रोड जाम होने से आवागमन ठप पड़ गया. कोर्ट जाने वाले वकील और उनके क्लाइंट तक परेशान हो गए. क्योंकि सदर अस्पताल और कोर्ट रोड को परेशान मरीजों ने दो तरफ से जाम कर दिया था. इस दौरान सदर एसडीपीओ अनिल सिंह की गाड़ी भी रोड जाम देख कर अपने रास्ते को बदल दिया. और उन्हें वापस दूसरे रास्ते से जाना पड़ा. एसडीपीओ इस दौरान रोड जाम करने वाले परेशान मरीजों से बातचीत करना तक जरूरी नहीं समझे.

हालांकि रोड जाम के हालत देखते हुए नगर थाना पुलिस तैनात तो थे. लेकिन मरीजों की परेशानी देख पुलिस भी खामोश रहना ही उचित समझे. मरीजों को रोड जाम करते देख कई वकीलों ने इस दौरान गिरिडीह के सदर विधायक सुद्विया कुमार सोनू और सिविल सर्जन पर भड़कते हुए कहा की गिरिडीह में सदर विधायक सोनू को दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में जाना जाता है. इसके बाद भी गिरिडीह स्वास्थ विभाग का हाल ऐसा है की डायलेसिस सुविधा बंद होने से मरीजों को रोड जाम करना पड़ा है. वकीलों ने कहा की ऐसे कुछ दिन पहले भी हुआ था. जब रोड जाम कर दिया गया था. उस वक्त सिविल एसडीएम के पहल पर सुविधा बहाल किया गया था. वकीलों ने कहा की सदर विधायक सोनू की लापरवाही के कारण बार बार ऐसा हो रहा है और सदर अस्पताल में स्वास्थ सुविधा पहले से बदतर होता जा रहा है.

इस बीच नगर थाना प्रभारी राम नारायण चौधरी भी जाम कर रहे मरीजों से बातचीत के लिए पहुंचे, लेकिन उनके बातो को सुनने के बाद मरीजों ने रोड जाम हटा दिया.

इधर, सिविल सर्जन डॉ शिव प्रसाद मिश्रा ने मरीजों के परेशानी को सुनने से हाथ खड़ा करते हुए कहा की अब उनके हाथ में कुछ नहीं रह गया है. डायलेसिस सुविधा बंद होने का कारण अभी तक स्काई संजीवनी एजेंसी ने कुछ नहीं बताया है. और न ही कॉल उठा रहे है. इस बीच सदर अस्पताल में कार्यरत डायलेसिस एजेंसी के सेंटर में ताला लटका हुआ था. फिलहाल मरीज के डायलेसिस की सेवा बहाल नहीं हो पाया था. तो दूसरी तरफ सिविल सर्जन ने भी इंकार कर दिया की उनके हाथ में अब कुछ नहीं रहा है लोग अपने स्तर से ही डायलेसिस कराए.

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