रिसर्च सोसायटी फॉर डायबिटीज इन इंडिया ने आयोजित किया डायबिटीज में सुधार पर परिचर्चा
Chaibasa (चाईबासा) : रिसर्च सोसायटी फॉर डायबिटीज इन इंडिया (RSSDI) की झारखंड चैप्टर ने राजधानी रांची के स्वर्ण भूमि बैंक्वेट हाल में डायबिटीज की विसंगतियां और उसके उपचार में चिकित्सा के नवीन वैकल्पिक साधनों पर परिचर्चा का आयोजन किया गया.
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तीन दिवसीय इस आयोजन में देश भर के 500 से ज्यादा चिकित्सकों और अनुसंधानकर्ताओं ने हिस्सा लिया और मधुमेह के नियंत्रण के प्रति अपने नवाचार अन्वेषण तथा शोध प्रस्तुत कर चिकित्सा के विकल्प प्रस्तुत किए. इस मौके पर चाईबासा के प्रसिद्ध चिकित्सक (डायबटोलॉजिस्ट) डॉक्टर सौम्य सेन गुप्ता ने टाइप 1 और टाइप 2 के मधुमेह पीड़ितों पर गट माइक्रोबोटा के प्रभाव और इस स्थिति में मरीज को राहत की संभावना पर अपना शोध प्रस्तुत कर लोगों का ध्यान आकर्षित किया.

डॉक्टर सेन गुप्ता ने बताया कि “गट माइक्रोबायोटा” एक उभरता हुआ क्षेत्र है. जो मधुमेह प्रबंधन के नए आयाम खोल रहा है. हाल के शोध दर्शाते हैं कि आंत में मौजूद सूक्ष्मजीव न केवल ब्लड शुगर नियंत्रण में सहायक होते हैं. बल्कि मधुमेह के शुरुआती चरणों में इसे रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
आधुनिक वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर इस विषय पर गहराई से चर्चा हुई और देशभर से आए प्रतिष्ठित विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने डॉ सेनगुप्ता के द्वारा प्रस्तुत शोध की प्रशंसा की और कहा कि इस पर और अनुसंधान किया जाना चाहिए चूंकि यह मधुमेह की रोकथाम के चिकित्सा क्षेत्र में नए द्वार खोल सकता है.
बकौल डॉ सेनगुप्ता “इस ज्ञानवर्धक विमर्श का हिस्सा बनना वास्तव में गौरवपूर्ण अनुभव रहा, ऐसे महान वैज्ञानिक आयोजन का हिस्सा होने में गर्व महसूस कर रहा हूँ”.
ज्ञात हो कि रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया (RSSDI) एशिया भर में मधुमेह स्वास्थ्य पेशेवरों और शोधकर्ताओं के लिए सबसे बड़ा संगठन है. इसके 6000 से ज़्यादा सदस्य हैं, जिनमें चिकित्सक, मधुमेह विशेषज्ञ, एंडोक्राइनोलॉजिस्ट और नर्स और आहार विशेषज्ञ जैसे पैरामेडिकल कर्मचारी शामिल हैं.
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