Chaibasa:- ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड सरकार के तत्वाधान में कच्चा मकान एवं आवास विहिन परिवारों को पक्का आवास का लाभ देने हेतु अबुआ आवास योजना का शुभारंभ किया गया है। अबुआ आवास योजना में भारी अनियमितता, योग्य लाभुक को वंचित रखने, ग्राम सभा से प्राथमिकता का कोई लाभ नहीं मिलने से संबंधित विषय को लेकर राष्ट्रीय भ्रष्टाचार नियंत्रण एवं जनकल्याण संगठन के झारखंड प्रदेश निदेशक बसंत महतो ने बुधवार को पश्चिमी सिंहभूम जिले के उप विकास आयुक्त को योजना से संबंधित आंकड़ों के साथ एक ज्ञापन सौंपा। 

 

पत्र में कहा गया है कि इस योजना का लाभ वैसे परिवारों को दिया जाएगा जो निम्नलिखित मापदंड के अंतर्गत आते हैं-

1. कच्चे घरों में रहने वाले परिवार।

2. आवास विहिन एवं निराश्रित परिवार।

3. विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह (PVTG) के परिवार।

4. प्राकृतिक आपदा के शिकार परिवार।

5. कानूनी तौर पर रिहा किए गए बंधुआ मजदूर।

6. वैसे परिवार जिन्हें राज्य सरकार अथवा केंद्र सरकार द्वारा संचालित आवास योजना यथा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर आवास योजना, बिरसा आवास योजना, इंदिरा आवास योजना इत्यादि आवास का लाभ नहीं दिया गया है।

7. परिवार में कोई भी सरकारी/अर्ध सरकारी जॉब के अंतर्गत नहीं आते हो, चार पहिया वाहन नहीं हो व 5 एकड़ से अधिक जमीन नहीं हो आदि।

 

मापदंडों के आधार पर लाभार्थियों की पहचान, चयन तथा संबंधित ग्राम सभा के द्वारा चयनित लाभार्थियों के सत्यापन के पश्चात इस योजना का लाभ लाभुक को मिलना चाहिए था लेकिन इसका लाभ नहीं मिल पाया।

 

अबुआ आवास योजना में योग्य और अयोग्य सभी ने आवेदन किया। ग्राम सभा के माध्यम से योग्य लाभुकों को चयन करना था लेकिन पश्चिमी सिंहभूम जिले के विभिन्न प्रखंड के मुखिया से बात किए जाने पर बताया गया कि जिन्हें शत प्रतिशत प्राथमिकता देना है वैसे लाभुकों को आवास योजना का लाभ के लिए बात किया गया लेकिन प्रखंड कार्यालय कर्मियों द्वारा बताया गया की सॉफ्टवेयर में भरे गए फॉर्म के मुताबिक आटोमेटिक रैंक और स्कोर ले लिया है। वैसे में योग्य लाभुकों को आवास योजना का लाभ देने में काफ़ी कठिनाई हो रहा है।

 

योग्य और अयोग्य दोनों तरह के लाभुकों का नाम सूची में इंट्री हुआ है। जिन्हें आवास का निहायत जरुरी है वैसे योग्य लाभुक के लिए एड करने का कोई ऑप्शन नहीं है जबकि सूची में अटैच ग्राम सभा कॉपी लिखा हुआ है। ग्राम सभा अटैच कॉपी का क्या महत्व रह गया है जबकि वैसे लाभुक हैं जिन्हें तत्काल अबुआ आवास योजना का लाभ मिलना चाहिए था परन्तु रैंक और स्कोर इतना अधिक अंकित किया गया जिन्हें आवास का लाभ मिलने में कई साल लग जायेंगे।

 

प्रखंड विकास पदाधिकारियों को भी आवास की प्रक्रिया समझ में नहीं आ रही है। उनका कहना है कि सब ऊपर से किया जा रहा है। हमारा इस पर कोई नियंत्रण नहीं है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि फॉर्म सही से फील्लप नहीं किया गया होगा इसलिए स्कोर और रैंक में गड़बड़ी हुई होगी। सुधार के लिए वैसा कोई ऑप्सन नहीं है। जब लाभुकों का सूची आया तो योग्यता की पात्रता के निर्धारित मापदंडों के अनुसार इनको चिन्हित कर लाभ दिया जाना चाहिए था लेकिन प्रतिनियुक्त कर्मचारियों ने लापरवाही बरती। संगठन ने प्राप्त सूची के धरातल पर सत्यापन के पश्चात उच्च प्राथमिकता वाले लाभुकों के आंकड़े तैयार करके सौंपा ताकि इसकी जांच के उपरांत इस योजना का लाभ निहायत जरुरतमंद लोगों को मिल सके। योग्यता की शर्तों को पूरी नहीं करने वाले सूचीबद्ध लाभुकों की पेमेंट रोकने की भी मांग की है। उप विकास आयुक्त ने आश्वस्त किया है कि प्राप्त आंकड़ों की जांच प्रखंड विकास पदाधिकारी से करवाने के पश्चात अयोग्य लाभुक की पहचान कर पेमेंट रोक दिया जायेगा एवं संलिप्त पदाधिकारियों पर न्यायोचित कार्रवाई किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल के रूप में बसंत महतो, वासिल हेंब्रम एवं नारायण उपस्थित थे।

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