Chaibasa :- आगामी 23 मार्च 2024 क्रांतिकारी छात्र संगठन एआईडीएसओ (ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन) पश्चिमी सिंहभूम जिला कमेटी की ओर से चाईबासा के दिव्या भारती हॉल में आजादी आंदोलन के महानायक शहीद-ए-आज़म भगत सिंह, शहीद राजगुरू एवं सुखदेव का शहादत दिवस मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संगठन की ओर से प्रचार-प्रसार और कोष संग्रह शुरु किया गया है। संगठन का कहना है की दिन प्रतिदिन हत्या, चोरी, ठगी,महिलाओं पर अत्याचार आम बात सी लगने लगी है।

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आज लोग एक दूसरे के मदद करने से कतराते हैं। एक बात प्रचलित हो गई है कि “आजकल लोगों का भला करना ही बुरा है” सबसे पहले अपना देखो” इत्यादि। ये सारी तमाम संकीर्णता लोगों के मन में कूट-कूट कर भर गई है।

लेकिन आज से सिर्फ 50-100 साल पहले कुछ लोग थे जो खुद भूखा रहकर भी समाज को सुधारने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए तत्पर रहते थे। इसी धरती के बिरसा मुंडा सिद्दो-कानू,नेताजी सुभाष, खुदीराम ने हंसते-हंसते इस समाज, देश के लिए लहू का अपना आखिरी बूंद तक अर्पण कर दिया और दूसरी और आज के बेटा-बेटी बड़े होकर; उसके लिए आधा पेट काटकर बड़ा करने वाले अपने पिता-माता तक को नहीं पूछते हैं।

 आज के जमाने में, बचपन से लेकर जवानी तक लोगों को इंसानियत का सही आदर्श, सही मूल्यबोध न मिलने की वजह से यह सब हो रहा है। आज यह नष्ट भ्रष्ट पूंजीवादी समाज पैदाइशी से ही लोगों को चरम स्वार्थी, सुविधावादी और समाज के प्रति गैर जिम्मेदार बनाने की शिक्षा दे रहा है। एक तरफ हम लोग देख रहे हैं कि आज सार्वजनिक शिक्षा को किस तरह से खत्म किया जा रहा है, स्कूल-कॉलेज में शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की घोर कमी है।

 

स्कूल-कॉलेजो को बंद किया जा रहा है और दूसरी ओर शिक्षा में सांप्रदायिकता, धर्मांधता, संकीर्ण विचारधारा को बढ़ावा दिया जा रहा है तो कहीं मनुष्य के जीवनियों को चतुरता के साथ हटाया जा रहा है। जिससे की छात्रा-युवाओ के सोच और चरित्र में गंभीर गिरावट नजर आ रहा है। बच्चे केवल पढ़े लिखे रोबोट में तब्दील हो रहे हैं। समाज से बिल्कुल विमुख अपने ही जिंदगी में डुबे रह रहे हैं, और धीरे-धीरे परिवार से भी दूर जा रहे हैं।

 

लेकिन सिर्फ 23 साल की उम्र में ही देश की आजादी का सपना लिए सर पर कफन बांधकर अपने साथियों के साथ शहीद भगत सिंह निकल पड़े थे।

 

जातपात, धर्म, नस्ल, स्थानीयता जैसे संकीर्ण विचारधारा से आगे बढ़कर सभी के लिए एक आजाद, खुशहाल, शोषण मुक्त समाज की परिकल्पना लेकर हंसते-हंसते सूली पर चढ़ने वाले महानायक थे भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव। साथियों आज इस जर्जर, सड़े हुए समाज को सुधारने के लिए इन सभी महामनीषियों के विचार, जीवन संघर्ष और बलिष्ठ चरित्र को जानने की जरूरत हर व्यक्ति को है। एआइडीएसओ छात्र संगठन अपने जन्मकाल से ही शिक्षा छात्र और समाज के तमाम मुद्दों को लेकर अपना आवाज बुलंद करने के साथ-साथ महामनीषियों के जीवनी से छात्र-समाज को शिक्षित करने के मुश्किल कार्य में लगी हुई है। 

                       

इसी क्रम में कल तमाडबंद गावँ और आज टाटा कॉलेज में प्रचार सहित कोष संग्रह अभियान चलाया गया। जिसमे पश्चिम सिंहभूम जिला अध्यक्ष सगुन हाँसदा, सचिव सत्येन माहतो, प्रदेश उपाध्यक्ष रिंकी बंश्रियार तथा जिला कोषाध्यक्ष डेविड तमसोय प्रमुख उपस्थित थे।

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