सरायकेला: जिला व्यवहार न्यायालय के एडीजे -टू कंकन पट्टादार की अदालत ने लगभग 8 वर्ष पूर्व न्यायालय के महिला कर्मी सीता कुजूर के साथ शारीरिक शोषण तथा महिला कर्मी को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में दोषी पाते हुए न्यायालय के कर्मी शैकत कुईला को भादवि की धारा 376 में 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं ₹10000 अर्थदंड की सजा सुनाई है.

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इसके अलावा की धारा 306 में भी अदालत ने दोषी पाते हुए 10 वर्ष की सश्रम कारावास एवं 10000 की जुर्माना की सजा सुनाई है । दोनों सजाओ में अर्थ जुर्माना नहीं भुगतान करने के स्थिति में आरोपी को 66 माह की अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा । वर्ष 2016 में सरायकेला व्यवहार न्यायालय के महिला कर्मी सीता कुजूर ने आत्महत्या कर ली थी इस मामले में उसके बड़ी बहन मन्ना कुजुर द्वारा न्यायालय के कर्मी शैकत कुईला पर प्राथमिक दर्ज कराई थी। जिसमें बताया गया था कि न्यायालय के महिला कर्मी सीता एवं शैकत लीव इन रिलेशन में रह रहे थे। इसी बीच शैकत के परिवार वालों ने उसकी शादी कहीं और तय कर दी। इसके बाद सीता ने आत्महत्या कर ली थी। अदालत ने इस मामले पर कुल 15 गवाहों की गवाही पूरी की तथा आरोपी को आज सजा सुनाई गई।

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