Chaibasa:- झारखंड बने 22 वर्ष बीतने के बाद भी अब तक अलग राज्य की मांग को लेकर आंदोलन करने वाले आंदोलनकारियों का चयन अब नही हो सका है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी कई बार इस बात को कह चुके हैं लेकिन उनका कथन अब आई-वाश सिर्फ लगता है. उक्त बातें पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा द्वारा पुराना डीसी ऑफिस के समक्ष 11 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन के दौरान कही. उन्होंन धरना में सारंडा पोड़ाहाट के सैकड़ों आंदोलकारियों ने हिस्सा लिया.
इस दौरान पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने कहा कि विगत कई वर्षों से हम सभी आंदोलनकारी एकजुट होकर सरकार से मांग कर रहे हैं कि झारखंड सरकार चिन्हित करण आयोग के द्वारा जो नियम बनाए हैं उसमें संसोधन कर सरलीकरण किया जाए. हेमंत सोरेन भी सरलीकरण की बात कर तो रहे हैं लेकिन वह सिर्फ Eye wash है. उसके बाद कहा गया कि जेल जाने की बाध्यता खत्म करेंगे, डुग डूगी बजाने वाले भी आंदोलनकारी चिन्हित होगा. जो लोग आंदोलन किये वे जेल नही गए और जो जेल भेजे भी गए उनका रिकॉर्ड नही मिल रहा है. ऐसे लोगों को भी चिन्हित किया जाना चाहिए. इसके साथ ही जेल जाने की बाध्यता को खत्म किया जाना चाहिए.
आंदोलनकारी राजू महतो ने कहा कि झारखंड राज्य बने 22 वर्ष बीत चुके हैं और जिन लोगों ने संघर्ष किया त्याग किया अपने प्राणों की आहुति दी कुर्बानिया दी, वैसे लोगों को अब तक चिन्हित तक नहीं किया गया है ना ही सम्मान मिला और ना संवैधानिक व्यवस्था अनुसार मिलना चाहिए था वो आज भी पेंडिंग पड़ा हुआ है. राज्य में यह बड़े ही शर्मनाक स्थिति है कि सम्मान मांगने को लेकर भी आंदोलन करना पड़ रहा है. वर्ष 2011 में अर्जुन मुंडा जब मुख्यमंत्री थे उस दौरान शिबू सोरेन ने खुद पत्र लिखकर आंदोलन कारियों के चिन्हित करने और आंदोलनकारियों को पेंशन, पक्का मकान, निशुल्क शिक्षा स्वास्थ्य और नियोजन देने की मांग की थी. लेकिन आज इनकी भी सरकार बन गई और 3 वर्ष बीतने के बाद भी शिबू सोरेन के द्वारा जो मांग की गई थी और जो 11 सूत्री हमारी मांगे हैं, वो अब तक पूरा नही किया गया है. मुख्यमंत्री को भी हम लोगों ने ज्ञापन सौंपा है उनका कहना है कि आंदोलनकारियों की चिन्हित प्राथमिकता के साथ की जाएगी. लेकिन झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारियों के चिन्हित करने की नियमावली ही गलत बनाई गई है. इसलिए नियमावली को संशोधित करे. नियम में जेल जाने के बाध्यता को खत्म करें और सभी आंदोलनकारियों को लाभ व सम्मान दें.
धरना को संबोधित करने के लिए मुख्य तौर पर जगन्नाथपुर विधायक मंगल सिंह बोबोंगा, हाजी खान, दामु बानरा, बामीया माझी, मुमताज़ अंसारी, भावेश चन्द्र बेहरा, रुईदास लेयांगी, राजू महतो, इसरार अहमद, रामू बानरा, कैरा जमूदा, गोपाल महतो, डेब्रा तुबिद, ज्वाला कोड़ा और सैकड़ों की संख्या में आंदोलनकारी उपस्थित थे.