Saraikela :- दीपावली में कोल्हान क्षेत्र में इस वर्ष भी केवल 120 डेसीबल तक के पटाखे फोड़े जाने की अनुमति होगी. वही रात 8 से लेकर 10 बजे तक ही पटाखे जलाए जा सकेंगे.

दीपावली पर ध्वनि और वायु प्रदूषण की मॉनिटरिंग इस वर्ष भी प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के गाइडलाइन के मुताबिक किया जाएगा. इस संबंध में जानकारी देते हुए झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद कोल्हान प्रक्षेत्र के पदाधिकारी जितेंद्र प्रसाद सिंह

झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद कोल्हान प्रक्षेत्र के पदाधिकारी जितेंद्र प्रसाद सिंह

ने बताया है कि जमशेदपुर और आदित्यपुर के प्रमुख 12 स्थानों पर इस बार भी दीपावली के दौरान प्री और पोस्ट मॉनिटरिंग की जाएगी. जिसमें ध्वनि और वायु प्रदूषण के स्तर को मापा जाएगा. इन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार रात्रि 8 बजे से 10 बजे तक की पटाखे जलाए जा सकेंगे. जलाए जाने वाले पटाखों की आवाज 120 डेसीबल से कम होनी चाहिए. हालांकि प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा इस वर्ष सरायकेला जिले में पटाखे जलाए जाने की अनुमति दी गई है.

 

ग्रीन पटाखे प्रचलन में लेकिन प्रदूषण नहीं करते कम

हाल के दिनों में ग्रीन पटाखों का कल्चर देखने को मिल रहा है. जहां लोग पर्यावरण के अनुकूल ग्रीन पटाखों को जलाते और फोड़ते हैं. हालांकि विशेषज्ञ और जानकार बताते हैं कि ग्रीन पटाखों में भी हानिकारक तत्वों का समावेश होता है. जो प्रदूषण लेवल को बढ़ाता ही है. हालांकि सामान्य पटाखों की अपेक्षा इन में प्रदूषण का स्तर कम होता है. लेकिन ये अभी पूरी तरह प्रचलन में नहीं है और लोगों में अवेयरनेस की भी कमी है.

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