Chaibasa (चाईबासा) : पर्यावरण-अनुकूल और स्वदेशी उत्पादों के प्रोत्साहन के उद्देश्य से, रविवार को चाईबासा मेरी टोला में प्राकृतिक पेंट मार्ट का उद्घाटन झामुमो के महिला मोर्चा पूर्व जिला अध्यक्ष मोनिका बोइपाई ने बड़े हर्षोल्लास के साथ किया. इस अवसर पर स्थानीय नागरिक, व्यवसायी, सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि सहित अनेक लोग शामिल थे.
उद्घाटन समारोह का आयोजन भव्य तरीके से किया गया. जिसमें प्राकृतिक पेंट की विशेषताओं और इसकी उपयोगिता पर विशेष चर्चा की गई. यह मार्ट न केवल पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है. बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रहा है.
मुख्य अतिथि उद्घाटन भाषण में कहा कि प्राकृतिक पेंट स्वदेशी नवाचार का उत्कृष्ट उदाहरण है. यह न केवल पर्यावरण के लिए सुरक्षित है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त करता है. खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग सदैव स्वदेशी उत्पादों और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए तत्पर रहा है. प्राकृतिक पेंट ग्रामीण भारत के लिए रोजगार का एक बड़ा साधन बन सकता है और शहरी क्षेत्रों में स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित कर सकता है.
उन्होंने आगे कहा कि आज का यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है. प्राकृतिक पेंट हमारे देश को पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों की ओर अग्रसर करता है और हमारे समाज को प्रदूषण रहित भविष्य की ओर ले जाने में सहायक होगा.
प्राकृतिक पेंट की विशेषताएँ
इस उद्घाटन समारोह में प्राकृतिक पेंट की कई विशेषताओं पर चर्चा की गई, जो इसे अन्य पेंट्स से अलग बनाती हैं.
पर्यावरण-अनुकूल : प्राकृतिक पेंट पूरी तरह जैविक और प्रदूषण रहित है. इसमें किसी भी प्रकार के हानिकारक रसायनों का उपयोग नहीं किया गया है.
आर्थिक विकल्प: पारंपरिक पेंट्स की तुलना में इसकी लागत काफी कम है, जिससे यह आम आदमी के लिए सुलभ है.
स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित: प्राकृतिक पेंट में वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (VOC) नहीं होते, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है.
स्थायित्व : प्राकृतिक पेंट न केवल टिकाऊ होता है, बल्कि दीवारों पर लंबे समय तक चमक बनाए रखता है.
गौ आधारित उत्पाद : इसे गाय के गोबर से तैयार किया गया है, जिससे यह स्वदेशी और पर्यावरण-अनुकूल होने के साथ-साथ कृषि और पशुपालन को भी बढ़ावा देता है.
रंगों की विविधता : यह पेंट विभिन्न रंगों में उपलब्ध है, जिससे ग्राहकों को पसंद के अनुसार विकल्प मिलता है.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था और रोजगार में योगदान
प्राकृतिक पेंट का निर्माण पूरी तरह स्वदेशी तकनीकों पर आधारित है और यह स्थानीय संसाधनों से निर्मित है. इस पहल से ग्रामीण भारत में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे. गाय के गोबर से उत्पादित इस पेंट के निर्माण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी इकाइयाँ स्थापित की जा सकती हैं, जिससे ग्रामीण युवाओं को रोजगार मिलेगा.
स्थानीय नागरिकों और अतिथियों की भागीदारी
इस उद्घाटन समारोह में चाईबासा और आसपास के क्षेत्रों के सैकड़ों नागरिक शामिल हुए. सभी ने प्राकृतिक पेंट के प्रति गहरी रुचि दिखाई. कार्यक्रम के दौरान उत्पाद की गुणवत्ता और इसके उपयोग पर एक विशेष प्रदर्शनी भी आयोजित की गई. जिसमें विशेषज्ञों ने उपस्थित लोगों को प्राकृतिक पेंट के फायदों के बारे में जानकारी दी.
सरकार की पहल और समर्थन
भारत सरकार, विशेषकर खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग और MSME मंत्रालय, ने इस पहल को हर संभव समर्थन देने का वादा किया है. यह परियोजना ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘हरित भारत’ अभियानों को मजबूत करने में सहायक होगी.
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने कहा कि इस प्रकार के प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में गोबर और अन्य जैविक कचरे के उपयोग को बढ़ावा देंगे, जिससे कचरे का सही प्रबंधन भी होगा. इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में भी इस पेंट के उपयोग से प्रदूषण कम होगा और लोगों के स्वास्थ्य में सुधार आएगा.
बैंक ऋण एवं सब्सिडी भी उपलब्ध
मार्ट को शुरू करने में कुल पाँच लाख का खर्च आता हैं जिसमें सवा लाख रूपये का सब्सिडी भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाती हैं. बैंक से ऋण की भी सुविधा उपलब्ध हैं.
भविष्य की योजनाएँ
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग का लक्ष्य आने वाले समय में झारखण्ड सहित पूरे देश में ऐसे और मार्ट स्थापित करना है. प्राकृतिक पेंट मार्ट की सफलता इस दिशा में पहला कदम है. भविष्य में इसका उत्पादन और वितरण बढ़ाकर इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की भी योजना है.
यह खादी इंडिया और MSME के प्रयासों का जीता-जागता उदाहरण हैं. यह पहल न केवल पर्यावरण को संरक्षित करेगी, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी नई ऊँचाइयों पर ले जाने में सहायक सिद्ध होगी. प्राकृतिक पेंट मार्ट का उद्घाटन चाईबासा के लिए एक ऐतिहासिक दिन साबित हुआ है.
उद्घाटन समारोह में पूर्व अध्यक्ष डोमा मिंज, विकास दोदराजका, सतवीर सिंह, सोमू, मनोज कुमार, श्रीमती ज्योति बालाजी, अमिता सिंह, चंचल भाटिया, रोहित मुंडा, राजू यादव, सुरदीब प्राकृतिक उत्पादों के संस्थापक द्वारा उपस्थित थे.