Chaibasa : कोल्हान के आदिवासी हो बहुल गांवों में माघे पर्व की तैयारी शुरू हो गयी है. इसी कड़ी में शुक्रवार को सदर प्रखंड के बरकुंडिया गांव में अगले वर्ष माघे पर्व 24 फरवरी को मनाने की घोषणा की गयी.
इस संबंध में गांव में दिऊरी सतीश चंद्र बुड़ीउली की अध्यक्षता में हुई ग्रामीणों की एक बैठक हुई. जिसमें माघे पर्व के अलावे बाहा पर्व की तिथि भी तय की गयी. बैठक में तय हुआ कि बाहा पर्व 3 मार्च को मनाया जाएगा. ग्रामीणों के फैसले के मुताबिक माघे पर्व के पूर्व 17 फरवरी को अनादेर, 21 फरवरी को ओते ईली, 22 फरवरी को गाऊमरा, 23 फरवरी को गुरि पोरोब, 24 फरवरी को मरं पोरोब (मुख्य त्योहार), 25 फरवरी को बासी पोरोब तथा 26 फरवरी को हारमागेया पोरोब मनाया जाएगा.
गैर पारंपरिक गीत-संगीत बजाने पर रहेगी रोक
बैठक में ये भी फैसला हुआ कि माघे पर्व के दौरान गांव में डीजे तथा माइक सेट के उपयोग तथा गैर पारंपरिक गीत-संगीत बजाने पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा. इसके उल्लंघन पर संबंधित व्यक्ति को दंडित किया जाएगा. ग्रामीणों ने कहा कि माघे पर्व में सिर्फ परंपरागत वाद्ययंत्र तथा संगीत ही बजने की अनुमति होगी. गैर पारंपरिक गीत-संगीत हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है. गैर पारंपरिक संगीत हमारी अर्थपूर्ण लोक संगीत को दूषित तथा फूहड़ बना रहा है. इसके प्रभाव से हमें बचने की आवश्यकता है ताकि हम अपनी संस्कृति को अक्षुण्ण बनाये रख सकें. बैठक में डोबरो बुड़ीउली, सुरेंद्र बिरुली, जयकिशन बिरुली, बीरसिंह बिरुली, विजय बुड़ीउली, रामकृष्ण बिरुली, साधु बुड़ीउली, गुलिया कुदादा, श्याम कुदादा, लेगेया कुई, चोकरो बारजो, भुइंया बारजो, समदीश बुड़ीउली समेत अन्य ग्रामीण मौजूद थे.