Chaibasa:- सरकार जहां एक ओर राज्य के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचने में लगी हुई है, स्वास्थ्य विभाग रोगियों के बेहतर इलाज के लिए नई-नई योजना लागू कर रही है. डीएमएफटी से लाखों रुपए का भुगतान डॉक्टरों एवं कर्मचारियों को किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सदर अस्पताल चाईबासा के डॉक्टर व कर्मियों की लेटलतीफी की वजह से सुदूरवर्ती क्षेत्रों के ग्रामीण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

चाईबासा शहर स्थित सदर अस्पताल में कर्मियों के अस्पताल आने का समय निर्धारित है लेकिन डॉक्टर व कर्मी अपनी मर्जी अनुसार अस्पताल में ड्यूटी करने आते हैं। जहां पर्ची काटने से लेकर रजिस्ट्रेशन काउंटर खुलने व डॉक्टर को ओपीडी में बैठने का समय निर्धारित है वहीं मंगलवार को खून जांच करवाने आए मरीजों को घंटो कर्मचारी के आने का इंतजार करने में लग गए। मझगांव विधायक निरल पूर्ति के प्रतिनिधि सुनील सिरका सदर अस्पताल किसी काम से पहुंचे तो उन्होंने देखा कि मरीज काफी देर से खड़े हैं, लेकिन कर्मचारी नदारद है। उन्होंने मरीजों से जानकारी ली और सिविल सर्जन से बात की।

अस्पताल प्रबंधन ने निकाला आदेश –
जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने करवाई करते हुए आदेश निकाल दिया। आदेश में यह कहा गया है कि सदर अस्पताल, चाईबासा के सभी चिकित्सा पदाधिकारियों एवं कर्मियों को आवंटित कार्य में प्रायाः ऐसा पाया गया है कि कुछ चिकित्सा पदाधिकारी (नियमित अनुबंधित NHM, DMFT), विशेषज्ञ चिकित्सक, विशेषकर दन्त चिकित्सक, रेडियोलॉजिस्ट एवं कर्मी अपने आवंटित डियूटी के समय सारणी पर विलम्ब से आते हैं अथवा समय से पहले कर्त्तव्य स्थल से बिना सूचना दिये निकल जाते है, और यह भी देखा गया है कि चिकित्सक अपना आवंटित डियूटी आपसी सहमती से बदल लेते है, जिसकी जानकारी उपाधीक्षक कार्यालय, सदर अस्पताल, चाईबासा को नहीं रहती है। निर्देश है कि सक्षम पदाधिकारी की सहमती के बिना अपना आवंटित कार्य नहीं बदली जाएँ। विशेष परिस्थिति में निर्देश है, कि चिकित्सक लिखित सूचना एवं सक्षम पदाधिकारी की सहमती के उपरांत ही आवंटित कार्य करेंगे। सभी चिकित्सा पदाधिकारियों एवं कर्मियों को निर्देश दिया जाता है कि अपने आवंटित कार्य पर ससमय उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे। विलम्ब से आने एवं समय पूर्व अस्पताल, छोड़ने पर मरिजो को होने वाली परेशानी पर उसकी सारी जवाबदेही संबंधित चिकित्सकों एवं कर्मीयों पर होगी एवं विभागीय कार्रवाई हेतु स्वयं जिम्मेदार होंगे, और वैसे कर्मी एवं पदाधिकारी के विरूद्ध विभाग को नियमानुसार कार्रवाई हेतु संसूचित किया जाएगा।

रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर की हुई शिकायत –
अस्पताल की एकमात्र रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर करिश्मा पिंगुवा की मनमानी का खामियाजा आम मरीजों को चुकानी पड़ रही है. डॉक्टर करिश्मा पिंगुवा अपना निजी क्लीनिक भी चलाती हैं, इसके चलते प्रतिदिन विलंब से अस्पताल आना और जल्दी चले जाना लगा रहता है. मरीजों से रोज-रोज की शिकायत मिलने पर सदर अस्पताल प्रबंधन ने अब तक कोई करवाई नही की है।

विधायक प्रतिनिधि सुनील सिरका ने कहा कि रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर साहिबा अगर अपना क्लीनिक ही चलाना चाहती हैं तो इस्तीफा दे कर घर में बैठें। जिले की गरीब महिला पुरुषों की सेवा करने के बजाए अपने क्लीनिक में ज्यादा समय देती हैं। उनके इस रवैया के कारण जिले के गैर महिला पुरुष को निजी क्लीनिक का रुख करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में डॉक्टरो को उनका वेतन DMFT से भुगतान किया जाता है। उसके बावजूद जिले के ग्रामीणों को उसका लाभ नहीं मिलना बड़े ही दुख की बात है। इस संबंध में वे उपायुक्त से मुलाकात कर सदर अस्पताल के डॉक्टरों एवं कर्मचारियों की उदासीन रवैए के बारे में बात करेंगे और सदर अस्पताल की कुव्यवस्था को सुधारने का प्रयास करेंगे।

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