Dumka (दुमका) : एक पत्रकार के सवाल पर दुमका जिले के शिकारीपाड़ा विधायक आलोक सोरेन ने कहा है कि इस बार सदन में उठाएंगे पत्रकारों पर दर्ज फर्जी मामलों का मुद्दा. बताते चलें कि झारखंड में सबसे ज्यादा फर्जी मामले दुमका के ही पत्रकारों पर दर्ज हुए हैं.
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इसे लेकर AISMJWA ने पूरे राज्य में धरना-प्रदर्शन भी किया था. हाल ही में ऐसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव प्रीतम भाटिया राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता से भी मिले थे और सीआईडी जांच की मांग भी की थी जिस पर सकारात्मक जवाब मिला था.अब तक तो सत्ता और विपक्ष के आधा दर्जन विधायक बीते 10 सालों में सदन में पत्रकारों की सुरक्षा और सम्मान हेतु कानून लाने की दर्जनों बार वकालत कर चुके हैं जिसके बाद वर्ष 2022 में 9 दिसंबर को झारखंड सरकार ने एक योजना पत्रकार सम्मान सुरक्षा योजना तो लागू कर दी थी लेकिन यह केवल फाईलों में ही सिमट कर रह गई है.
एक ओर जहां राज्य में सभी वर्गों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई जा रही हैं वहीं पत्रकार सम्मान सुरक्षा योजना-2022 वित्त विभाग में लंबित बताई जा रही है.ऐसे में ऐसोसिएशन इस मामले पर पुनःसदन में चर्चा के लिए प्रयासरत है.दो दिन पहले ऐसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव प्रीतम सिंह भाटिया,बंगाल प्रभारी अरूप मजूमदार,झारखंड प्रदेश अध्यक्ष शैलेंद्र जयसवाल बंटी और प्रदेश सचिव देवेंद्र सिंह ने झरिया विधायक रागिनी सिंह को भी सत्र में इस योजना पर प्रश्न उठाने का निवेदन किया था.
एसोसिएशन के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सियाराम शरण सिंह ने AISMJWA के अलावा तमाम प्रेस क्लबों के सभी पदाधिकारियों से भी निवेदन किया है कि आप भी इस दिशा में आगे आएं तभी झारखंड में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होगा. श्री सिंह ने कहा है कि यह झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश में लागू होने वाली योजना है जिस पर संसद में सत्ता और विपक्ष दोनों ही अक्सर खामोश रहे हैं.
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