Saraikela: जमशेदपुर के सोनारी निवासी नरेश कुमार ने मो. मुस्तफा अंसारी और परवेज अंसारी पर ढाई करोड़ रुपये की धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनवाने, व्यवसायिक नुकसान पहुंचाने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। उन्होंने सरायकेला थाना प्रभारी को आवेदन देकर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
विज्ञापन:-
नरेश कुमार के अनुसार मो. मुस्तफा अंसारी और परवेज अंसारी ने झारखंड सरकार से स्वीकृत खनन पट्टे के आधार पर खनन व्यवसाय में साझेदारी का प्रस्ताव दिया। आपसी सहमति के बाद 8 दिसंबर 2023 को एकरारनामा किया गया, जिसके तहत 12 अगस्त 2027 तक के लिए खनन कार्य की अनुमति दी गई। मुस्तफा अंसारी ने सीटीओ (खनन संचालन की अनुमति) और अन्य जरूरी दस्तावेज समय पर उपलब्ध नहीं कराए, जिससे तीन महीने (अप्रैल, मई और जून) तक खनन कार्य ठप रहा। बावजूद इसके, नरेश कुमार ने 60 लाख रुपये का भुगतान किया और खनन कार्य शुरू करने की कोशिश की। 29 अगस्त 2024 को मुस्तफा अंसारी और परवेज अंसारी ने कानूनी नोटिस भेजकर मानसिक प्रताड़ना दी और काम बंद करा दिया। बाद में 28 नवंबर 2024 को दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ, जिसमें तय हुआ कि बकाया राशि के बदले नरेश कुमार पत्थर देंगे। इसके बदले 24 लाख रुपये का सिक्योरिटी चेक भी दिया गया। 29 नवंबर 2024 को जब खनन कर्मचारियों ने काम फिर से शुरू किया, तो मुस्तफा अंसारी ने फोन कर गाली-गलौज की और धमकी दी कि खनन कार्य नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने 50 लाख रुपये की मांग की और सरकारी रॉयल्टी न भरने की भी धमकी दी। सीटीओ (खनन अनुमति) उपलब्ध नहीं होने के कारण खनन कार्य नहीं हो पा रहा है। मुस्तफा अंसारी ने फर्जी दस्तावेज बनवाकर दूसरे पक्षों के साथ भी अनुबंध कर लिया। नरेश कुमार का आरोप है कि मुस्तफा अंसारी एक शातिर अपराधी है और पहले भी कई लोगों के साथ धोखाधड़ी कर चुका है। लगातार धमकियों के कारण नरेश कुमार और उनका परिवार भयभीत हैं। नरेश कुमार ने पुलिस से मांग की है कि मुस्तफा अंसारी को सीटीओ (खनन अनुमति) उपलब्ध कराने के लिए बाध्य किया जाए, ताकि वह खनन कार्य कर सकें, ढाई करोड़ रुपये के धोखाधड़ी और मानसिक प्रताड़ना के मामले में कठोर कार्रवाई की जाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए क्योंकि उन्हें लगातार जान से मारने की धमकी दी जा रही है।