चाईबासा : चाईबासा शहर तथा इसके आसपास सीएनटी एक्ट का उल्लंघन करके आदिवासी जमीनों पर अवैध कब्जे की शिकायत बढ़ने लगी है. गुरूवार को शहर से सटे मतकमहातु के पांच ग्रामीणों ने अवैध कब्जे की शिकायत लेकर उपायुक्त अनन्य मित्तल से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगायी.
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इनमें मतकमहातु निवासी डीबर देवगम, भगवान देवगम, प्रेमराज देवगम, चाहत देवगम तथा गितिलपी निवासी सुखलाल सावैयां के नाम शामिल हैं. भुक्तभोगियों ने उपायुक्त से लिखित शिकायत की. कोल्हान भूमि बचाओ समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सावैयां ने भुक्तभोगियों की ओर से उपायुक्त से कहा कि इन पांच ग्रामीणों की पुश्तैनी जमीन जो आदिवासी नेचर की है और सीएनटी एक्ट के अधीन है, पर गैरआदिवासियों ने फर्जीवाड़े की मदद से कब्जा कर लिया है. लेकिन शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है. इसलिये कार्रवाई करते हुए इनकी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त करवायी जाए. उन्होंने कहा कि इस फर्जीवाड़े में सदर अंचल के पूर्व सीओ गोपीनाथ उरांव की भी संलिप्तता है. इसकी भी जांच होनी चाहिये. उनके खिल्फ प्राथमिकी भी दर्ज होनी चाहिये. फर्जीवाड़े में अंचल कार्यालय के कई कर्मचारी शामिल हैं.
उपायुक्त ने कहा, एसएआर कोर्ट में शिकायत दर्ज कराएं:-
शिकायत सुनने के बाद उपायुक्त ने भुक्तभोगियों से कहा कि आपलोग तीसरी बार हमसे ये शिकायत कर चुके हैं. मैने मामला देख लिया है. यह मामला एसएआर कोर्ट का है. लिहाजा आप सबों को वहीं शिकायत दर्ज करानी होगी. आपको वहीं से इंसाफ मिलेगा. पूर्व सदर सीओ गोपीनाथ उरांव के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच की मांग पर उपायुक्त ने कहा कि वे इस मामले को देखेंगे. यदि गड़बड़ी हुई है तो कार्रवाई होगी.
क्या है मामला :-
मतकमहातु के इन ग्रामीणों का आरोप है कि गांव तथा इसके आसपास स्थित उनकी पुश्तैनी जमीनों पर फर्जीवाड़ा करके गैर आदिवासियों का लंबे समय से कब्जा है. उपायुक्त को दिये ज्ञापन के अनुसार मतकमहातु निवासी डीबर देवगम की पुश्तैनी जमीन खाता संख्या-54, प्लॉट संख्या-1116 तथा रकवा-1.40 एकड़ जमीन पर उद्योगपति बनवारी लाल नेवटिया ने फर्जीवाड़ा करके कब्जा कर लिया। पहले फैक्ट्री बैठाने के लिये पांच वर्ष की लीज पर जमीन ली थी। लेकिन बाद में कब्जा कर लिया. इसी तरह भगवान देवगम की पुश्तैनी जमीन को फर्जीवाड़ा करके बेच दिया गया. उनकी यह जमीन तमाड़बांध में स्थित है जिसका खाता संख्या-68, प्लॉट संख्या-455 तथा रकवा-0.49 डिसमाल है. यह जमीन पंजी-2 में भगवान देवगम के नाम से दर्ज है. लेकिन तमाड़बांध मुंडा चरण बोदरा द्वारा सत्यापित फर्जी कुर्सीनामा के आधार पर सदर अंचलाधिकारी गोपीनाथ उरांव, अंचल निरीक्षक घनेंद्र प्रताप नायक तथा जमीन दलालों ने फर्जीवाड़ा करके बेच दिया. इसी तरह प्रेमराज देवगम की शिकायत है कि उनकी भी पुश्तैनी जमीन पर फर्जीवाड़े से कब्जा कर लिया गया है. इस जमीन पर कब्जेदार वाइल्ड जिंगर नामक होटल चला रहे हैं. इसका खाता संख्या-155, प्लॉट संख्या-577 तथा 579, रकवा-0.32 डिसमिल है. वहीं चाहत देवगम की जमीन जिसका खाता संख्या-380, प्लॉट संख्या-1192 तथा 1208, रकवा-0.32 डिसमिल तथा 0.15 डिसमिल है, पर लंबे समय से दो महिलाओं का अवैध कब्जा है. यह जमीन टुंगरी (दिरीगाड़ा) में अवस्थित है. जबकि गितिलपी निवासी सुखलाल सावैयां की जमीन जिसका खाता संख्या-70, प्लॉट संख्या-450, रकवा-0.37 डिसमिल, को भी फर्जीवाड़ा करके बेच दिया गया.