Chaibasa :- गिरिडीह स्थित मारांगबुरु (पारसनाथ) आदिवासियों का है उसे भारत सरकार, राज्य सरकार और अल्पसंख्यक आयोग उसे वापस करे. वर्ष 2023 में सरना धर्म कोड भी लागू करें आदि मुद्दों को लेकर पूर्व सांसद सह आदिवासी सेंगेल अभियान के द्वारा केंद्रीय अध्यक्ष साल खान मुर्मू के नेतृत्व में मशाल जुलूस निकाला गया. यह कार्यक्रम पूर्व से निर्धारित थी, जिसे लेकर काफी संख्या में लोग चाईबासा स्थित पिल्लई हॉल परिसर में उपस्थित होकर आदिवासी सेंगेल अभियान के इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

इस दौरान पत्रकारों को संबोधित करते हुए सालखन मुर्मू ने कहा कि 2023 में सरना धर्म कोड लागू करना होगा और राज्य सरकार को पारसनाथ पहाड़ को आजाद करना होगा, यह मरंगबुरू है. मारंगबुरु बचाओ भारत यात्रा 17 जनवरी से चल रहा है. आज 23वां दिन है जो आज हम लोग चाईबासा में पहुँ है हैं.इन्हीं मांगों को लेकर आज आदिवासी सेंगेल अभियान के द्वारा हल्ला बोल कार्यक्रम किया गया. जिसमें मशाल जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन करते हुए राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए गए. सलखान मुर्मू ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भी कई आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, और असम में 11 फरवरी से सेंगेल की ओर से आहूत रेल व रोड चक्का जाम किया जाएगा.

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