Bhuvaneshvar. भुवनेश्वर में आयोजित 59वें तीन दिवसीय डीजी-आइजी सम्मेलन में झारखंड सहित विभिन्न राज्यों के अधिकारी व केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख शामिल हुए. इसमें वामपंथी उग्रवाद, तटीय सुरक्षा, बॉर्डर सुरक्षा, मादक पदार्थ, साइबर अपराध, सोशल मीडिया व आर्थिक सुरक्षा सहित उभरती चुनौतियों से निपटने को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर रोडमैप तैयार करने पर विमर्श किया गया. इस दौरान झारखंड की ओर से वामपंथी उग्रवाद पर प्रजेंटेशन दिया गया. इसमें यह बात सामने आयी की झारखंड के एक जिले पश्चिम सिंहभूम में ही नक्सली सिमटकर रह गये हैं. उनके खिलाफ भी अभियान चलाया जा रहा है. वहीं तेलंगाना, महाराष्ट्र व आंध्र प्रदेश में नक्सलियों का खात्मा करीब-करीब हो गया है. जबकि छत्तीसगढ़ में अभी भी नक्सलियों की गतिविधियां चल रही हैं.

वहीं केंद्रीय एजेंसी रॉ और आइबी की ओर से विभिन्न मुद्दों पर प्रजेंटेशन दिया गया. इस दौरान सोशल मीडिया को टूल बनाकर युवकों को भड़काने व अफवाह उड़ाकर माहौल को बिगाड़ने पर भी चर्चा हुई. सुरक्षा एजेंसियों को कहा गया कि वे सोशल मीडिया की लगातार मॉनिटरिंग करें. युवकों को भड़काने व अफवाह फैलाने वालों पर केस दर्ज कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें. वहीं डिजिटल अरेस्ट जैसे साइबर क्राइम और ए-आइ तकनीक का इस्तेमाल कर हो रहे अपराध पर भी अंकुश लगाने को कहा गया. तीन दिवसीय सम्मेलन में 20 से ज्यादा मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई.

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