Chaibasa : सूरजमल जैन डीएवी पब्लिक स्कूल में महर्षि दयानंद की 200 वीं जयंती व आर्य समाज की स्थापना के 150 वें वर्ष के शुभारंभ के अवसर पर विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत महर्षि दयानंद के चित्र पर सभी शिक्षक – शिक्षिकाओं एवं विद्यार्थियों द्वारा दीप जलाकर व पुष्पांजलि अर्पित कर की गई.

 

इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्या सुश्री रेखा कुमारी ने कहा कि दयानंद आधुनिक भारत के महान चिंतक थे. उनमें देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी थी. उन्होंने दसवीं व बारहवीं के बोर्ड के परीक्षार्थियों के लिए आयोजित विदाई सह शुभकामना समारोह में अपनी शुभकामनाएं दी. वरिष्ठ शिक्षक एसबी सिंह ने कहा कि महर्षि दयानंद ने भारतीय पुनर्जागरण की नींव रखी एवं सामाजिक कुरीतियों, अंधविश्वासों और रूढ़ियों का खंडन व विरोध किया. छात्र अक्षित कुमार सिंह ने दयानंद के गणवेश में उनके कार्यों की व्याख्या की. दसवीं कक्षा के शिक्षार्थियों द्वारा आर्य समाज के 10 सिद्धांतों की व्याख्या की गई. संगीत शिक्षक के मार्गदर्शन में छात्राओं द्वारा ऋषि गाथा गीत प्रस्तुत किया गया. इस अवसर पर शिक्षिका सुमित्रा कुमारी ने भी अपने विचार व्यक्त किए. शिक्षक पंकज कुमार पांडे तथा जे के पंडा के नेतृत्व में 51 बार गायत्री मंत्र के जाप के साथ हवन यज्ञ संपन्न कराया गया. मंच संचालन शिक्षक देवानंद तिवारी ने किया.

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