CHAIBASA (चाईबासा) : सारंडा में संचालित लौह अयस्क खदान से निकलने वाली लाल पानी से जामकुंडिया गांव के रैयतों की खेती योग्य भूमि बंजर हो रही है. गांव के रैयतों ने पश्चिमी सिंहभूम उपायुक्त से अपनी समस्याओं के समाधान के लिए शिकायत की थी.
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जिसे लेकर पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय स्थित सभागार में उपायुक्त कुलदीप चौधरी के अध्यक्षता में समन्वय बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान उप विकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा, अपर उपायुक्त प्रवीण केरकट्टा, जगन्नाथपुर अनुमंडल पदाधिकारी महेंद्र छोटन उरांव सहित जिला स्तरीय पदाधिकारी, सेल के पदाधिकारी व जामकुण्डिया गांव के रैयत की उपस्थित रहे.

बैठक में उपायुक्त के द्वारा गुआ सेल लोह अयस्क खान के बहते लाल पानी, मिट्टी, कंकड़ से जामकुण्डिया गांव अंर्तगत कृषि योग्य भूमि के बंजर होने के मामले में प्रभावित रैयतों से वस्तु स्थिति अवगत हुए. जिसके बाद उपस्थित सेल के पदाधिकारी से वर्तमान समय में सीएसआर के तहत संचालित कार्यों के बारे में बिंदुवार जानकारी ली गई. साथ ही निर्देश दिया गया कि अब तक संपादित गतिविधियों की विस्तृत जानकारी जिला कार्यालय में भी उपलब्ध करवाया जाए.

समन्वय बैठक में ये दिए गए निर्देश :
बैठक में उपायुक्त के द्वारा जगन्नाथपुर अनुमंडल पदाधिकारी को प्रभावित रैयतों एवं सेल के पदाधिकारियों की उपस्थिति में विकासात्मक व रोजगारपरक कार्यों के निमित्त बैठक का आयोजन करने का निर्देश दिया गया.
बैठक में सेल के पदाधिकारियों को खदान से निकलने वाले लाल पानी, मिट्टी एवं डस्ट का प्रवाह खेतों, जलस्रोतों में ना हो, इस पर प्रभावी रूप से रोक लगाने का निर्देश दिया गया.
जिला कृषि पदाधिकारी को प्रभावित रैयत की जमीन एवं आसपास के खेतों की मिट्टी का जांच करवाते हुए सात दिनों के भीतर जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया.
बैठक में जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी एवं जिला उद्यान पदाधिकारी को विभाग के माध्यम से संचालित सरकारी योजनाओं का लाभ संबंधित गांव के लोगों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया.
जेएसएलपीएस के जिला कार्यक्रम प्रबंधक को उक्त क्षेत्र की महिलाओं को जीवकोपार्जन, स्वरोजगार समेत लाइवलीहुड के अन्य कार्यक्रमों से जोड़ने का निर्देश दिया गया.
पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को संबंधित गांव में पेयजल हेतु उपलब्ध जल स्रोतों का अवलोकन एवं आवश्यकता अनुसार नए जल स्रोत के निर्माण से संबंधित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया.
सभी संबंधित पदाधिकारी, सेल के पदाधिकारी एवं रैयतों को आपसी समन्वय स्थापित कर संबंधित ग्राम में जीवन यापन के लिए आधारभूत एवं मूलभूत सुविधाओं का आकलन करने एवं संबंधित आवश्यकताओं को सीएसआर के माध्यम से पूरा करते हुए ग्रामीणों को लाभान्वित करने का निर्देश दिया गया.
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